टीकमगढ़। जिले के बगाज माता मंदिर के पास जमींदोज किए गए मकान को लेकर नया विवाद सामने आया है। 4 जनवरी को जिले के दौरे पर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इसी घर की दो बेटियों का पैर पूजन किया था। कार्यक्रम के 8 दिन बाद ही प्रशासन ने इन बेटियों के मकान को अवैध बताते हुए ढहा दिया। आवासीय भू अधिकार योजना का शुभारंभ करने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 4 जनवरी को टीकमगढ़ जिले के बगाज माता मंदिर पहुंचे थे। योजना की शुरुआत से पहले उन्होंने मंच पर कन्यापूजन किया था। इस दौरान छह बच्चियों के पैर पूजकर सीएम ने उन्हें गिफ्ट दिए थे। कन्या पूजन के दौरान 8 वर्षीय कादंबरी सोलंकी और 7 वर्षीय अंशिका सोलंकी भी मंच पर थी। इन दोनों बेटियों का सीएम ने पूजन कर कपड़े भेंट किए थे।
प्रशासनिक अमले ने शुक्रवार को दोनों बेटियों का मकान गिरा दिया। उनके पिता राघवेंद्र सिंह सोलंकी का कहना है कि कार्रवाई से पहले प्रशासन की ओर से उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया। मौखिक सूचना भी नहीं दी गई। शुक्रवार सुबह अचानक पुलिस बल के साथ अफसर पहुंचे और जेसीबी से मकान गिराना शुरू कर दिया। राघवेंद्र सिंह सोलंकी के छोटे भाई सत्येंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह सब लोग घर में बैठे थे। इस दौरान पुलिस के अधिकारी अंदर आए और घर से बाहर निकालने लगे। जब भाई ने विरोध किया तो पुलिस ने मारपीट की। भैया-भाभी को पकड़कर ले गई। बच्चों को यही छोड़ दिया। दोनों को शुक्रवार देर रात छोड़ा गया।
इस मामले में एसडीएम सीपी पटेल का कहना है कि राघवेंद्र सिंह सोलंकी ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान बना रखा था। मुख्यमंत्री के कन्या पूजन कार्यक्रम में राघवेंद्र की बेटियां शामिल नहीं थी। एसडीएम ने बताया कि राघवेंद्र सिंह गांव का दबंग व्यक्ति है। उसने गोचर भूमि पर मकान बना रखा था। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर गोचर भूमि पर बना मकान तोड़ा है। उसने 20 एकड़ जमीन पर कब्जा कर फसल बोई थी। इसे भी नष्ट किया गया है।