भोपाल।थानों और मैदानी स्तर पर पर्याप्त पुलिस बल हो, इसके लिए मंत्रियों को दी जाने वाली सलामी व्यवस्था बंद करवाई थी, अब घरों में ‘गुलामी” को बंद किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों के बंगलों पर चाकरी करने वाले पुलिसकर्मियों को हटाया जाए। बंगलों में नियम विरुद्ध पदस्थ पुलिसकर्मियों को थानों में तैनात किया जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये निर्देश मंगलवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को दिए। साथ ही कहा कि प्रदेश में किसी भी स्थिति में दंगा बर्दाश्त नहीं होगा। दंगाई बख्शे नहीं जाएंगे। धार्मिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए संबंधितों को प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शांति भंग करने की अनुमति किसी को भी नहीं है। त्योहार निर्विघ्न संपन्न् हों, यह हर हाल में सुनिश्चित करें। धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों के व्यवस्थित और शांतिपूर्ण संचालन की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है। जो भी गड़बड़ी करता है, उन्हें चिह्नित करें। यह कार्रवाई लगातार होनी चाहिए। उन्होंने हनुमान जन्मोत्सव पर आयोजित कार्यक्रमों और शोभायात्रा के बेहतर प्रबंधन के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों की प्रशंसा की। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि खुफिया तंत्र को मजबूत किया जाएगा। कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल को दायित्व सौंपकर उनकी नेतृत्व क्षमता का उपयोग करते हुए थाना स्तर पर बीट व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने दंगा, भीड़ नियंत्रण एवं प्रबंधन पर प्रशिक्षण की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि केंद्र व अन्य राज्यों के प्रभावी माडल का अध्ययन करें।l पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार प्रदेश भर में लगभग तीन हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी बड़े अधिकारियों यहां चाकरी कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों को पद के अनुसार अर्दली रखने की पात्रता है लेकिन पुलिस अधिकारी आठ-आठ घंटे की तीन श्ािफ्ट में तीन संतरी की ड्यूटी बंगले पर सुरक्षा के नाम पर लगाते हैं। वहीं घर की बेगार करने के लिए आठ से दस कर्मचारियों को तैनात रखा जाता है। कई सेवानिवृत्त अधिकारियों के यहां भी पुलिसकर्मी चाकरी कर रहे हैं।
ये दिए निर्देश
अवैध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों को मदद और संरक्षण देने वाले लोगों को चिह्नित करें।
– सभी अधिकारी अपने जिले और प्रभार के क्षेत्र में भ्रमण करें और जनता से जीवंत संवाद रखें।
– जिन अधिकारियों का जनता से सीधा संवाद है और प्रभावशीलता जनसामान्य में अधिक है, उन्हें मैदानी क्षेत्र का दायित्व सौंपें।
ग्राम तथा नगर रक्षा समितियों का पुनर्गठन करके सक्रिय करें।
– लंबे समय तक एक ही स्थान पर पुलिसकर्मी पदस्थ न रहंे। नियमित रूप से बदलाव होता रहे।