इंदौर। हुकमचंद मिल के 5895 मजदूर और उनके स्वजन का 32 वर्षों का इंतजार खत्म होने का समय आ गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मजदूरों के भुगतान के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए। बहुत जल्दी कार्यक्रम आयोजित कर मिल के मजदूरों का भुगतान एक क्लिक पर उनके खाते में पहुंचा दिया जाएगा।
शासन बुधवार को हुकमचंद मिल मामले में हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई में इसकी जानकारी कोर्ट को दे देगा। हाउसिंग बोर्ड मिल के देनदारों के लिए 425 करोड़ 89 लाख रुपये पहले ही स्टेट बैंक आफ इंडिया की भोपाल शाखा में जमा करा चुका है। मंगलवार को मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर के बाद अब यह रकम देनदारों के खातों में ट्रांसफर होने का सिलसिला शुरू होगा। संभवत: 26 दिसंबर को मुख्यमंत्री इसकी शुरुआत करेंगे।
करीब 32 वर्ष पहले 12 दिसंबर 1991 को हुकमचंद मिल बंद हुआ था। इसके बाद से मिल के 5895 मजदूर और उनके स्वजन अपने बकाया भुगतान के लिए भटक रहे थे। हाई कोर्ट ने 6 अगस्त 2007 को हाई कोर्ट ने मिल के मजदूरों के पक्ष में 228 करोड़ 79 लाख 79 हजार 208 रुपये मुआवाज तय किया था, लेकिन इस रकम का पूरा भुगतान मजदूरों को नहीं हो सका। वर्ष 2017 में जरूर कोर्ट के आदेश पर शासन ने मजदूरों के लिए 50 करोड़ रुपये जारी किए थे। मजदूरों का भुगतान मिल की जमीन को बेचकर होना था, लेकिन जमीन बिक नहीं सकी।