भोपाल। मध्य प्रदेश में सड़कों की खराब स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सख्ती के बाद सरकार ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। प्रदेशभर में खराब सड़कों की मरम्मत और रखरखाव में लापरवाही बरतने वाले 9 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, जबकि 173 ठेकेदारों और 21 अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा ठेकेदारों पर कुल 1.36 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
पीडब्ल्यूडी की समीक्षा बैठक में खुलासा
यह कार्रवाई पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) की समीक्षा बैठक के बाद की गई, जिसमें यह खुलासा हुआ कि प्रदेश की 36,000 किलोमीटर सड़कें खराब हो चुकी हैं। ठेकेदारों की लापरवाही और सड़कों के रखरखाव में कमी को लेकर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई थी, जिसके बाद यह सख्त कदम उठाए गए। इसके साथ ही राज्य सड़क विकास निगम के तीन मार्गों के टोल अधिकार भी संचालकों से वापस ले लिए गए हैं।
विशेष अभियान के तहत कार्रवाई
7 अगस्त से 6 सितंबर तक प्रदेश में सड़कों की मरम्मत के लिए विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें प्रमुख अभियंता और सड़क एवं सेतु विभाग ने 35,995 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत की। इसके बावजूद, कई सड़कों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, जिसकी शिकायतें नागरिकों द्वारा ‘लोक-पथ’ एप पर दर्ज की गईं। एप पर 46,516 किलोमीटर सड़कों की शिकायतें दर्ज की गईं, जिसमें से 3,721 शिकायतें पिछले दो महीनों में आई थीं। इनमें से 3,652 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री की सख्ती का नतीजा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य की सड़कों की खस्ता हालत को लेकर सख्त निर्देश जारी किए थे। उन्होंने खराब सड़कों और उनकी मरम्मत में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए ठेकेदारों और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराने की बात कही थी। सीएम की सख्ती के बाद संबंधित विभागों ने तेजी से कार्रवाई की और ठेकेदारों और अधिकारियों पर शिकंजा कसा।
आगे की दिशा
सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सड़कों की गुणवत्ता में सुधार हो और प्रदेश के नागरिकों को यातायात में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि अगर भविष्य में भी ऐसी लापरवाही सामने आई, तो और सख्त कार्रवाई की जाएगी।