भोपाल। एक तीव्र आवृति वाला पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब सक्रिय हो गया है। इसके असर से दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बन गया है। इस चक्रवात से लेकर पश्चिमी मध्यप्रदेश से होकर विदर्भ तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। इसके अतिरिक्त दक्षिण-पश्चिमी बिहार पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इन चार वेदर सिस्टम के सक्रिय होने से सोमवार से मप्र में बादल छाने लगेंगे। साथ ही ग्वालियर-चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं। मंगलवार-बुधवार को प्रदेश के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं। इस दौरान कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार बात दे मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि रविवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 26.9 डिग्रीसेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से एक डिग्रीसे. अधिक रहा। यह शनिवार के अधिकतम तापमान 24.8 डिग्रीसे. की तुलना में 2.1 डिग्रीसे अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्रीसे. रिकार्ड हुआ। साहा ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ऊपर चक्रवात के रूप में सक्रिय है। इसके अलावा अलग-अलग स्थानों पर तीन अन्य वेदर सिस्टम बने हुए हैं।
इस वजह से मप्र में गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना बढ़ गई है। रविवार से ऊपर के स्तर पर बादल आने लगे हैं। इससे रात के तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी। सोमवार को बादल सघन होने के साथ ग्वालियर-चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती हैं।