ग्वालियर। शहर की दक्षिण विधानसभा से कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने बाल भवन स्थित नगर निगम के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा के दफ्तर में जमकर अफसरों की क्लास ली है ,दरअसल कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक उन लोगों की परेशानी लेकर पहुंचे थे। जिनके परिजन कोविड-19 का शिकार होने के बाद मौत के मुंह में समा गए। मध्य प्रदेश सरकार ने उन लोगों को मुआवजा देने की घोषणा की है। जिनकी मृत्यु संक्रमण की चपेट में आने से हुई है।
लेकिन ऐसे लोगों के परिजनों के सामने परेशानी यह है ,कि यह लोग जब अपने मृतक परिजन की डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए नगर निगम के दफ्तर पहुंचते हैं ,तो इन्हें वहां से चलता कर दिया जाता है। मृतकों के परिजन ज्यादा जिद करते हैं, तो उन्हें डेथ सर्टिफिकेट तो बना कर दिया जाता है। लेकिन उसमें कॉज ऑफ़ डेथ कोविड-19 नहीं लिखा जाता। ऐसे में कोरोना से मृत लोगों के परिजन कॉज ऑफ़ डेथ कोविड-19 नहीं लिखे जाने से सरकार की जन हितेषी योजना के पात्र नहीं रह जाते।
इसकी भनक जब कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक को लगी तो वह नगर निगम के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा में जा पहुंचे। यहां उन्होंने अफसरों से कोविड-19 से मृत हुए लोगों के डेथ सर्टिफिकेट पर कॉज ऑफ़ डेथ कोविड-19 नहीं लिखे जाने पर एतराज जताया और नगर निगम के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा के अधिकारी प्रदीप श्रीवास्तव की जमकर क्लास ली। विधायक प्रवीण पाठक उन पर गुस्से में कई बार झल्ला उठे। विधायक ने प्रदीप श्रीवास्तव को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने नगर निगम के अफसरों को सख्त लहजे में चेतावनी दी ,कि अपने रवैए में सुधार करें अन्यथा उनके विरुद्ध कार्यवाही के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
विधायक पाठक के तल्ख रवैया को देखकर नगर निगम के अफसरों के हाथ-पैर फूल गए। उन्होंने विधायक को अपनी गलती सुधारने का आश्वासन दिया। हालांकि उन्होंने इसके लिए राज्य शासन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन जिस तरह से कांग्रेस विधायक ने नगर निगम के अफसरों की क्लास ली है। उससे साफ जाहिर है ,कि कांग्रेस विधायक आमजन को हो रही तकलीफ को सहन करने के मूड में नहीं है और अगर जल्द ही संक्रमित मरीजों की डेथ सर्टिफिकेट पर कॉज ऑफ़ डेथ कोविड-19 नहीं लिखा गया, तो विधायक फिर से कोई कड़ा एक्शन ले सकते हैं।