भोपाल।पूर्व सीएम और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह (71) को सौंपी गई है। इसे मिशन-2023 के लिहाज से बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। कांग्रेस इसके माध्यम से ग्वालियर-चंबल में जमीन मजबूत करेगी, जिससे ज्योतिरादित्य सिंधिया की भरपाई की जा सकेगी। सिंधिया अब बीजेपी में हैं, यह भाजपा के लिए बड़ा प्लस पॉइंट है। माना जा रहा है कि सिंधिया की काट के लिए कांग्रेस ने सात बार के विधायक गोविंद सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दी है।
गोविंद सिंह की भूमिका पर इसलिए भी सबकी नजरें हैं कि वे लंबे समय से कांग्रेस के चंबल क्षेत्र से विधायक हैं। वे क्षेत्र की नब्ज से वाकिफ हैं। वे सिंधिया के धुर विरोधी माने जाते हैं। सिंधिया जब कांग्रेस में थे, तब भी वह उनके खिलाफ खुलकर बोलते थे। वर्षों से वे भिंड में कांग्रेस के चुनाव प्रबंधक की भूमिका में रहे हैं, लेकिन सिंधिया के कांग्रेस में रहते ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में पार्टी की जीत का श्रेय उन्हें नहीं मिल पाता था।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद से ही डॉ. गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाने की अटकलें शुरू हो गई थीं। कमलनाथ के पास दो बड़े पद थे। वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इस कारण वे विधानसभा में ज्यादा समय नहीं दे पा रहे थे। वहीं, समन्वय स्थापित करने के लिए कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष का पद गोविंद सिंह को सौंपने की मांग उठ रही थी। इसके अलावा, बीजेपी भी कमलनाथ की नेता प्रतिपक्ष की भूमिका पर लगातार सवाल खड़े कर रही थी। विरोधी दल के नेता होने के बाद भी गृह एवं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी सदन के अलावा बाहर भी गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाने की लगातार मांग उठा रहे थे।
कमलनाथ सरकार गिरने के बाद हुए 28 सीटों पर उप चुनाव हुए थे। इसमें से बीजेपी को 19 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 16 सीटों में सात सीट ही कांग्रेस के खाते में पहुंची थी, लेकिन कांग्रेस इस क्षेत्र में 2018 के परिणामों को फिर से दोहराने की तैयारी में है। सिंधिया को रोकने के लिए गोविंद सिंह को बड़ी जिम्मेदारी देकर उनका कद बढ़ाया गया है।नेता प्रतिपक्ष के तौर पर गोविंद सिंह की नियुक्ति होने से कांग्रेस में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का कद भी बढ़ा है। उन्हें पूर्व सीएम दिग्विजय के खेमे का भी बताया जाता है। इससे पहले महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष विभा पटेल, कांग्रेस युवा अध्यक्ष विक्रांत भूरिया भी दिग्विजय खेमे से आते हैं।