भोपाल। मुरैना जिले के सुमावली से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने का खतरा फिलहाल टल गया है। ग्वालियर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने सरकारी जमीन बेचने के आरोप में उन्हें दो वर्ष की सजा सुनाई थी। इस पर उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी, जहां से मंगलवार को उन्हें स्थगन मिल गया। राहत मिलने के बाद वह भोपाल में प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। यहां उन्होंने मंत्री का पैर छूकर कहा कि सब कुछ आपकी कृपा से हुआ है। मंत्री ने उन्हें मिठाई खिलाकर कहा, बड़ा काम करके आए हो। उधर, कांग्रेस विधायक की नरोत्तम मिश्रा से इस तरह मुलाकात राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बन गई है। हालांकि, अजब सिंह का कहना है कि इसके कोई मायने नहीं लगाना चाहिए। मैं कांग्रेस का वफादार सिपाही हूं। नरोत्तम मिश्रा मेरे बड़े भाई की तरह हैं, इसलिए मिलने गया था।
गौरतलब है कि दो वर्ष या अधिक की सजा होने पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सदस्यता समाप्त किए जाने का प्रविधान है। ऐसे में अजब सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने का खतरा था। विधानसभा सचिवालय ने सदस्यता पर निर्णय के लिए महाधिवक्ता से राय मांगी है। इसी बीच हाईकोर्ट से स्थगन मिलने पर उन्होंने राहत की सांस ली है।
बता दें कि इसके पहले खरगापुर के भाजपा विधायक राहुल सिंह लोधी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन दिया। लोधी पर विधानसभा चुनाव में गलत शपथ पत्र लगाने का आरोप है। इसके अलावा अशोकनगर से सिंधिया समर्थक भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण प्रमाण पत्र संबंधी मामले में भी न्यायालय से स्थगन मिला है। इस कारण इन दोनों भाजपा विधायकों की सदस्यता समाप्त होने का खतरा भी फिलहाल टल गया है।