ग्वालियर। कोरोना संक्रमण काल में एक और जहां लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है तो वही जिनके पास रोजगार है उनको भी प्रताड़ित कर काम से निकाला जा रहा है ऐसा ही एक मामला शहर के कंटोनमेंट एरिया से सामने आया है जहां पर पिछले 11 सालों से सफाई कर रहे कर्मचारियों को ठेकेदार सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाल रहा है क्योंकि ठेकेदार को सफाई कर्मचारी हर महीने मिलने वाले वेतन से करीब 20% राशि नौकरी बचाने के एवज में नहीं दे रहे हैं
सफाई कर्मचारियों ने अब इसके विरोध में पिछले 4 दिनों से स्ट्राइक कर रखी है और इस बीच कांग्रेस विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार ने सफाई कर्मचारियों की परेशानी को देश के रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक तक पत्र के माध्यम से पहुंचाया है और कंटोनमेंट में काम कर रही कंपनी व उसके ठेकेदार को हटाने की मांग की है,तो वही कांग्रेस के युवा नेता मितेंद्र दर्शन सिंह ने भी सफाई कर्मचारियों की समस्या का वीडियो बनाकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा है।
दरअसल मुरार छावनी कंटोनमेंट जोन में सफाई का ठेका लक्ष्मी एंड कंपनी को दिया गया है जिसमें करीब एक सैकड़ा सफाई कर्मचारी सफाई व्यवस्था में लगाए गए हैं इन सफाई कर्मियों को 12600 रुपए का वेतन दिया जाता है। जिसमें से सफाई कंपनी का ठेकेदार सफाई कर्मचारियों से काम में बने रहने के एवज मे 25 सो रुपए की मांग कर रहा है। जिसका आज कुछ कर्मचारियों ने विरोध किया तो उन्हें ठेकेदार की ओर से काम से निकाल दिया गया है। अभी तक ऐसे करीब 10 सफाई कर्मचारियों को काम से निकाला जा चुका है।
ठेकेदार की मनमानी की शिकायत सफाई कर्मचारियों ने मुरार छावनी बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी से की गई है। लेकिन अभी तक कंपनी या ठेकेदार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है और ना ही हटाए गए सफाई कर्मचारियों को वापस लिया गया है। ऐसे में अब सफाई कर्मचारियों की मदद के लिए क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक डॉ सतीश सिकरवार आगे आए हैं
और उन्होंने देश के रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक से मुरार छावनी बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं सफाई कंपनी लक्ष्मी एंड कंपनी व उसके ठेकेदार की सांठगांठ की पत्र के माध्यम से शिकायत की है और जल्द ही सफाई कर्मचारियों को दोबारा बहाल करने व कंपनी को हटाने की मांग की है। तो वही सफाई कर्मचारियों की आवाज उठाने कांग्रेस के युवा नेता मितेंद्र दर्शन सिंह भी आगे आए हैं और उन्होंने सफाई कर्मचारियों की समस्या को वीडियो के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को अवगत कराया है, ताकि वे प्रदेश लेवल पर इस मुद्दे को उठा सकें।