Saturday, April 19, 2025

वर्चुअल तरीके से संसद के मॉनसून सत्र की रणनीति बना रही कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस में नेतृत्व के संकट को लेकर रविवार को नया घटनाक्रम देखने को मिल सकता है। वर्चुअल तरीके से ही सही, संसद के मॉनसून सत्र की रणनीति बनाने पार्टी के शीर्ष नेता साथ जुटेंगे। यह मीटिंग इसलिए अहम है क्योंकि सीडल्यूसी की बैठक में बड़ा विवाद हो चुका है। उसके बाद पहली बार ये सब नेता फिर एक साथ चर्चा करने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी समेत राहुल गांधी भी इस चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं। दूसरी तरफ, खबर है कि संगठन में आमूलचूल बदलाव को लेकर चिट्ठी  लिखने वाले सोनिया से अध्यक्ष पद को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं। दोनों धड़ों के बीच सुलह की कोशिशें : सीडल्यूसी की मीटिंग में मनमोहन, एंटनी, राहुल समेत एक धड़े ने चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं की तीखी आलोचना की थी। वहीं, उन 23 नेताओं का रुख भी नहीं बदला है।

सोनिया गांधी की जीवनी लखने वाले रशीद किदवई के अनुसार, वे नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी साफ बताएं कि वह खुद को अध्यक्ष पद का उमीदवार घोषित करेंगे या नहीं। अगर नहीं तो कांग्रेस के कुछ नेताओं को ऐसी डिमांड करने से रोकें। दोनों धड़ों के बीच सुलह कराने की कोशिश में कुछ नेता लगे हुए हैं। रिपोर्ट है कि सोनिया ने भी इन 23 नेताओं को सुनने पर हामी भरी है, बशर्ते वे पार्टी अनुशासन की लक्ष्मण रेखा पार न करें। इसी महीने हो सकती है बातचीत, मगर कुछ को तकलीफ़ चिट्ठी  लिखने वाले नेताओं की शिकायत है कि पार्टी नेतृत्व ने 24 अगस्त को सीडल्यूसी की बैठक के बाद से संपर्क नहीं किया है। हालांकि बातचीत की संभावना बनती दिख रही है। हो सकता है कि 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान सोनिया इन नेताओं से मुलाकात करें। मगर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के कुछ सदस्यों को इन नेताओं के सार्वजनिक रूप से बयान बाज़ी और निजी मुलाक़ातें से आप है।

राहुल के नाम पर पेंच किदवई के अनुसार, सोनिया चाहती हैं, कि 23 नेताओं के दो प्रतिनिधि चिट्ठी  में उठाए गए दो बिंदुओं पर उनसे बात करें। हालांकि ये नेता चाहते हैं कि पहले अध्यक्ष पद को लेकर स्थिति साफ हो कि राहुल प्रत्याशी बनना चाहते हैं या किसी गैर गांधी को मौका देना चाहते हैं। किदवई का दावा है कि असहमति जताने वाले आधे से ज्यादा नेताओं को राहुल के दोबारा अध्यक्ष बनने से कोई गुरेज नहीं है। उन्हें शिकायत है के राहुल 24 और 7 नेता नहीं बनना चाहते।

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