भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को जल्द ही कांग्रेस आलाकमान द्वारा एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। अगले पखवाड़े में नई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के गठन की संभावना है, जिसमें कमल नाथ को पार्टी के कोषाध्यक्ष या राष्ट्रीय महासचिव के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। इस घटनाक्रम की पुष्टि तब हुई जब मंगलवार को कमल नाथ ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस को सूचित किया गया कि कमल नाथ आगामी एआईसीसी में शामिल होंगे। बुधवार को भोपाल लौटने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने उनके निवास पर उनसे मुलाकात की।
फंड से जूझ रही है कांग्रेस
सूत्रों के अनुसार, बैंकों में जमा पार्टी फंड को फ्रीज किए जाने के बाद कांग्रेस को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी कोष जुटाने के लिए एक मजबूत और विस्तृत नेटवर्क वाले नेता की आवश्यकता थी, और कमल नाथ के पास इस संकट से निपटने के लिए सही संसाधन और नेटवर्क हैं। इसलिए, उनके कोषाध्यक्ष बनने की संभावना जताई जा रही है। एआईसीसी में संभावित नियुक्ति के बाद वे दिल्ली में अधिक समय बिता सकते हैं, लेकिन छिंदवाड़ा के विधायक बने रहेंगे। कमल नाथ ने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया है, जो कांग्रेस में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
यह भी उल्लेखनीय है कि कमल नाथ को 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था और उनकी नेतृत्व में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। हालांकि, मार्च 2020 में सरकार गिरने के बाद कांग्रेस को 2023 के विधानसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद एआईसीसी ने कमल नाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह जीतू पटवारी को नियुक्त किया। फरवरी में कमल नाथ और उनके बेटे नकुल के भाजपा में शामिल होने की अफवाहें भी उठी थीं, लेकिन बाद में इनका खंडन किया गया। राहुल गांधी और कमल नाथ के बीच बढ़ती दूरियों की भी खबरें थीं, लेकिन मंगलवार की मुलाकात के बाद स्थिति साफ होती दिख रही है।
भाजपा प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने कांग्रेस के आंतरिक उथल-पुथल को कमल नाथ के नाम के चर्चा में आने का कारण बताया। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता संगीत शर्मा ने इसे संगठनात्मक सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा है।