भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बाद अब कांग्रेस संगठन भी संघ का मुरीद होता दिख रहा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में हार की समीक्षा के दौरान संघ और बीजेपी की तर्ज पर संगठन को मजबूत करने पर चर्चा हुई। कांग्रेस की बैठक में संघ की कार्यप्रणाली पर चर्चा की गई… नेताओं ने कहा कि अगर हम संघ से कुछ सीख सकते हैं, तो उसमें बुराई क्या है। इसके पीछे कांग्रेस का मकसद अपनी पुरानी हारों को भूलकर खुद को कल के लिए तैयार करना है… ताकि 2028 तक संगठन को मजबूत किया जाए। कांग्रेस के इस संघ प्रेम पर अब बीजेपी निशाना साध रही है। हाईकमान के निर्देश पर कांग्रेस ने दो दिवसीय बैठक की… जिसमें 7 अलग-अलग समितियां बनाकर संगठन को मजबूत करने पर सहमति बनाई। इसके लिए दूसरे संगठन की अच्छी बातों को अपनाने से भी परहेज नहीं है… अब सवाल यह है की संघ की राह पर चलना कांग्रेस के लिए कितना आसान होगा।
7 समितियां बनाकर संगठन को मजबूत करने की तैयारी
कांग्रेस ने 7 समितियों के अध्यक्षों का ऐलान किया है। इन समितियों में कई दिग्गज नेताओं को जिम्मेदारी सौपी गई है। इन समितियों की निगरानी प्रदेश प्रभारी और पीसीसी चीफ करेंगे।
1. मीनाक्षी नटराजन, पूर्व सांसद – विचारधारा और प्रशिक्षण समिति
नरेंद्र नाहटा, मुकेश नायक, अभय दुबे, झूमा सोलंकी, आरिफ मसूद, सचिन यादव, विजयलक्ष्मी साधौ, नुकूल नाथ, प्रताप भानु शर्मा, केके मिश्रा, नारायण भट्ट, भूपेंद्र गुप्ता, आलोक चतुर्वेदी और राम सिया भारती को सदस्य के रूप में नियुक्त किया है।
2. दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री – संगठन की मजबूती, विस्तार, सहभागिता और समन्वय समिति
सज्जन सिंह वर्मा, फूल सिंह बरैया, ओमकार सिंह मरकाम, दिनेश गुर्जर, मितेंद्र सिंह, हेमंत कटारे, हिना काँवरे, सिद्धार्थ कुशवाहा, महेंद्र जोशी, महेंद्र सिंह चौहान, प्रियव्रत सिंह, फुंदेलाल मार्को, अंजू बघेल, अनुभा मुंजारे को सदस्य के रूप में नियुक्त किया है।
3. विवेक तन्खा, राज्यसभा सांसद – कार्यक्रम, क्रियान्वयन और निगरानी समिति
सत्यनारायण पटेल, पीसी शर्मा, प्रवीण पाठक, पोरलाल खरते, महेश परमार, सुखदेव पासे, सुरेंद्र बघेल, दिलीप गुर्जर, हर्ष यादव, चौधरी राकेश सिंह, पंकज अहिरवार, अर्चना जायसवाल, गौरव रघुवंशी, शैलेन्द्र पटेल को सदस्य के रूप में नियुक्त किया है।
4. अरुण यादव, पूर्व पीसीसी चीफ – मोर्चा संगठन मजबूत समिति
कमलेश्वर पटेल, शोभा ओझा, जयवर्धन सिंह, कुणाल चौधरी, विपिन बानखेड़े, विभा पटेल, विक्रांत भूरिया, आशुतोष चौकसे, योगेश यादव, जेपी धनोपिया, रामु टेकाम, आतिफ अकील, पंकज उपाध्याय, सत्यपाल नीटू सिकरवार, संगीता शर्मा को सदस्य के रूप में नियुक्त किया है।
5. अजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष – संगठन, पारदर्शिता और अनुशासन समिति
गोविंद सिंह, नीलांशु चतुर्वेदी, राजमणि पटेल, तरुण भनोट, बाला बच्चन, रामेश्वर नीखरा, दिनेश यादव, लाखन सिंह यादव, चंद्रकांत द्विवेदी, साजिद अली, हुकुम सिंह कराड़ा, अजय बाबा मिश्रा, प्रदीप अहिरवार, नरेन्द्र पटेल को सदस्य के रूप में नियुक्त किया है।
6. उमंग सिंघार, नेता प्रतिपक्ष – महिला भागीदारी और कोर वोट बैंक समिति
कांतिलाल भूरिया, राजेन्द्र सिंह, केपी सिंह, लखन घनघोरिया, रवि जोशी, शेख अलीम, एनपी प्रजापति, राजेंद्र मालवीय, राधेश्याम मुवेल, किरण अहिरवार, जयश्री हरिकिरण, प्रतिभा रघुवंशी, माया त्रिवेदी, शोभा सिकरवार, सतीश सिकरवार को सदस्य के रूप में नियुक्त किया है।
7. अशोक सिंह, राज्यसभा सांसद – संसाधन समिति
अभय मिश्रा, संजय शर्मा, तरवर लोधी, गुड्ड् बुंदेला, अरुण श्रीवास्तव, राव यज्ञवेंद्र, संजय कामले, यादवेंद्र सिंह, सम्राट सरसवार, सुनील सर्राफ, राजकुमार पटेल को सदस्य के रूप में नियुक्त किया है।
दरअसल, पूर्व मुख्यमत्री दिग्विजय सिंह ने जिस तरीके से RSS की तारीफ की थी, अब कांग्रेस उसी पेटेंट को अपनाने जा रहीं है। संघ की तर्ज पर कांग्रेस अपने संगठन को मजबूत करेगी। संघ की तरह अपनी पार्टी की विचारधारा को घर-घर पहुंचाएगी। इस वक्त कांग्रेस के लिए लोगों में सम्मान और जुड़ाव पैदा करना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में अब संगठन में भी संघ की कार्यप्रणाली अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। अब सवाल यह है की संघ की राह पर चलना कांग्रेस के लिए कितना आसान होगा।