ग्वालियर। ग्वालियर में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रुचि गुप्ता ने पद और कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है कि कांग्रेस में जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं की इज्जत नहीं होती है। कुछ लोग सिफारिश लगाकर ऊंचे पद पर बैठ जाते हैं। रुचि गुप्ता का इशारा हाल में प्रदेश महासचिव बनाई गई रश्मि पवार की ओर है। रुचि गुप्ता कहती हैं कि चंबल में मैंने उस समय महिला कांग्रेस के लिए संघर्ष किया, जब सिंधिया के साथ कई कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर चले गए थे।
महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रुचि गुप्ता की शहर की एक अन्य कांग्रेस महिला नेत्री रश्मि पवार से काफी समय से नहीं बन रही है। दोनों के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ी है। आगामी विधानसभा में दोनों शहर से भाग्य अजमाना चाहती हैं। रश्मि पवार को हाल में प्रदेश महासचिव बनाया गया है। इसके बाद वह पावरफुल हो गई हैं। इसी का जिक्र करते हुए रुचि गुप्ता ने इस्तीफा हाई कमान को भेजा है।
रुचि गुप्ता ने लिखा है कि आपने एक नारा दिया था लड़की हूं लड़ सकती हूं] पर यह नहीं बताया कि लड़ना किससे है क्या अपनों से मैंने सच्चे मन से एवं सच्चे हृदय से कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित होकर पिछले 8 वर्ष तक कार्य किया दिवंगत मांडवी चौहान दीदी ने मेरे कार्यों एवं संघर्षों को देखकर मुझे 1 वर्ष पहले महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। यह तो ईश्वर जानता है कि मैंने लगन, निष्ठा व ईमानदारी के से जिम्मेदारी का निर्वहन किया। दुख है कि कांग्रेस पार्टी में जमीनी स्तर पर कार्य करने वालों की इज्जत नहीं होती। अचानक कुछ नेताओं की सोर्स और सिफारिश लगाकर ऊपर से थोपे गए लोग हुकूमत के दम पर हावी होने की कोशिश करने लगते हैं। संगठन भी जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे लोगों की बात ना सुनकर ऐसे लोगों की बातें सुनते हैं, जिन्हें संगठन की परिभाषा शायद नहीं आती। यह दुख सिर्फ मेरा नहीं है। कई जिलों में और भी महिलाओं का है। मुझे यह भी पता है कि मेरा समर्पण आज नहीं, तो कल कांग्रेस पार्टी आगे याद रखेगी, क्योंकि पिछले 5 वर्षों में मैंने अपने व्यापार और परिवार पर ध्यान ना देते हुए सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी के लिए दिन रात कार्य किया है।
रुचि गुप्ता लिखती हैं कि बचपन से सुना था कि हमारे देश में विभिन्नता में एकता है। परंतु कुछ समय से मैंने पार्टी मैं एकता में विभिन्नता महसूस की। मैंने पार्टी का साथ तब नहीं छोड़ा, जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को गिराया गया था। कई महिलाओं ने भाजपा ज्वाॅइन की। उस समय चंद महिलाओं के साथ मैंने कांग्रेस पार्टी के महिला संगठन को पुनर्जीवित किया। महिलाओं को पार्टी की विचारधारा से जोड़कर मजबूती दी। शायद मेरा राजनीतिक सफर इतना ही था। मेरी शुभकामनाएं सदैव आपके लिए आपके परिवार के लिए एवं पार्टी के लिए रहेंगी। इससे आगे लड़ने की क्षमता अब मुझ में नहीं। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा स्वीकार करें।