भोपाल। डा. मोहन सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार विधानसभा सत्र की समाप्ति यानी 21 दिसंबर के बाद होने की संभावना है। 25 दिसंबर के पहले इसे करने की तैयारी है। संभावित मंत्रियों के नामों पर मुख्यमंत्री और अन्य प्रदेश पदाधिकारियों की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक दौर की बैठक हो चुकी है।
इस बैठक के बाद कई दावेदार अपना नाम नहीं होने की खबरों से सहम गए हैं। वह जातिगत, क्षेत्रीय समीकरण और अन्य तर्कों के आधार पर खुद को प्रबल दावेदार बताते हुए अपने आकाओं के पास जोर लगा रहे हैं तो कुछ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शरण में हैं। चर्चा है कि कुछ नामों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री एक बार फिर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा कर सकते हैं।
दरअसल, भाजपा सरकार अपने पहले मंत्रिमंडल का विस्तार लोकसभा चुनाव की तैयारी की दृष्टि से करना चाहती है। इसके लिए क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों के साथ सभी संसदीय क्षेत्र को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश हो रही है, लेकिन मंत्रिमंडल का आकार छोटा होने की स्थिति में सभी को साधने में मुश्किल आ रही है। इसी कारण माना जा रहा है कि मोहन यादव मंत्रियों के नामों पर चर्चा के लिए फिर दिल्ली जा सकते हैं।