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राजनीतिक दलों के खजानों पर भी कोरोना की मार, MP की सत्ताधारी BJP पार्टी भी नहीं इखट्टा कर पाई फण्ड

भोपाल :- कोरोना से मंदी की मार सिर्फ राज्य सरकार के खजाने पर ही नहीं पड़ रही है। बल्कि राजनीतिक दलों को भी तंगी की मार झेलनी पड सकती है। राज्य की सत्ताधारी भाजपा भी कुछ ऐसी ही समस्याओं से जूझ रही है। हालांकि पदाधिकारी इसे लेकर ज्यादा कुछ कहने से बच रहे हैं। जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश भाजपा को अपने खर्चों के लिए राशि जुटाने के लिए मशवत करनी पड़ रही है।
 
दरअसल भाजपा संगठन अपने रोजमर्रा के खर्चों के लिए पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से आजीवन सहयोग निधि लेती है। इसके जरिये पूरे प्रदेश में लगभग 8 से 10 करोड रूपए एकत्र होते हैं। इस बार की स्थिति यह है कि अभी तक 6 करोड के आसपास ही जुट पाये हैं। इस राशि का एक बडा हिस्सा केंद्रीय कार्यालय भी जाता है। इंदौर जिले को इस बार 1 करोड रूपए का टॉरगेट दिया गया है। इसी तरह भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और सागर सहित अन्य जिलों को सहयोग राशि जुटाने के अलग-अलग लक्ष्य दिए गए हैं।
 
पार्टी कार्यालय तक नहीं पहुंची राशि
 
जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि संगठन इस राशि का उपयोग राष्ठ्रीय और प्रदेश से लेकर जिला कार्यालयों के दैनंदिनी खर्चे के लिये करती है। वैसे तो हर साल मार्च-अप्रैल तक यह राशि पार्टी कार्यालय तक पहुंच जाती है। लेकिन इस बार मार्च से ही कोरोना को लेकर मचे हडकंप और लॉकडाउन के चलते मामला गडबडा गया है।
 
महामारी के कारण आम और खास को घरों के भीतर ही सिमट कर रह जाना पडा। लिहाजा भाजपा के जिला संभाग में भी काम में सुस्ती आ गयी। अब पार्टी ने संगठन के सभी जिलों को आजीवन सहयोग निधि ब्योरा और रसीद कट्टे भेजने को कहा है। बताया जाता हैं कि कुछ जिलों से ब्योरा आ भी चुका है।
 
टारगेट हो चुका है पूरा
 
बताया जाता है कि इस बार इंदौर को एक करोड रूपए का टॉरगेट दिया गया था, जो कि पूरा हो चुका है। एक दर्जन से अधिक जिलों का काम पूरा हो चुका है। बाकी जिलों को ब्योरा भेजने को कहा है। आजीवन सहयोग निधि के प्रदेश प्रभारी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता कृष्ण मुरारी मोघे हैं। वे भी मान रहे हैं कि हालात कुछ ऐसे बने कि कुछ कठिनाई आ गईं।
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