ग्वालियर। केंद्रीय कारागार में कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीनेशन किया जाना है। लेकिन यह प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। जबकि केंद्रीय कारागार में 45 साल से लेकर 65 साल तक के कैदियों की अच्छी खासी संख्या है। 45 साल उम्र पार कर चुके कैदियों को गुरुवार को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जाएगी। लेकिन यह डोज सिर्फ डेढ़ सौ कैदियों को ही लग सकेगी।
इसके पीछे बड़ा कारण आधार कार्ड है। कहने को केंद्रीय कारागार में 32 सौ से ज्यादा कैदी बंद है और इनमें 70 फ़ीसदी कैदी ऐसे हैं ,जो 45 साल से ज्यादा उम्र के हैं। लेकिन उन्हें यह वैक्सीन आधार कार्ड नहीं होने के कारण नहीं लग पा रही है। लंबी कवायद के बाद सिर्फ डेढ़ सौ कैदियों के ही आधार कार्ड जेल प्रबंधन को उपलब्ध हो सके हैं इस कारण आधार कार्ड वाले कैदियों को ही यह वैक्सीन लगाई जाएगी। जिनकी संख्या 10 फ़ीसदी से भी कम है।
केंद्रीय कारागार में ग्वालियर चंबल संभाग के कई गंभीर अपराधियों के अलावा बाहर की जेलों से शिफ्ट किए गए दूसरे कैदी भी शामिल है लेकिन वैक्सीन का डोज सभी कैदियों को लग सके इसकी संभावना फिलहाल बेहद कम है। आधार कार्ड उपलब्ध कराने के लिए कैदियों के घरवाले और जेल प्रशासन कवायद कर रहा है। ऐसे में संभावना है ,कि कैदियों को वैक्सीन के डोज काफी विलंब से लग सकेंगे।