कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन की रेस में सबसे आगे “कोविशील्ड वैक्सीन” (Covishield Vaccine) के ट्रायल को भारत में फिर शुरू करने की मंजूरी दी जा सकती है. डीसीजीआई जल्द भारत में फिर से कोविशील्ड के ट्रायल को शुरू करने की इजाजत दे सकता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने 6 सितंबर को वैक्सीन का ट्रायल रोका था लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत में ट्रायल को जारी रखा. 9 सितंबर को डीसीजीआई की आपत्ति के बाद सीरम ने ट्रायल रोक दिया था. कोविशील्ड वैक्सीन रेस में सबसे आगे है और तीसरे चरण में है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका इसे मिलकर बना रहे हैं. भारत से पुणे की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसकी पार्टनर है।
डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बॉडी की हरी झंडी का इंतजार
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भारत में कोविशील्ड का ट्रायल फिर से ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की मंजूरी के बाद शुरू करेगा, इस पर डीसीजीआई को डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बॉडी की हरी झंडी का इंतजार है. मॉनिटरिंग बॉडी ने पूछा है कि जिस मरीज को बीमारी होने के बाद, ये ट्रायल रोके गए, उसकी डिटेल्स दें. उस मामले में क्या समाधान हुआ, वो भी बताएं. इस बॉडी ने सीरम इंस्टीट्यूट से ट्रायल में शामिल लोगों की डिटेल भी मांगी है।
साइड इफेक्ट की वजह से वैक्सीन का ट्रायल रोका गया
वैक्सीन को लेकर हाल ही में एक बयान आया है, जिसमें कहा गया है कि 6 सितंबर को कंपनी ने एक मरीज में साइड इफेक्ट आने के बाद वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया था और इंडिपेंडेंट कमेटी को जांच करने को कहा था. अब ये जांच पूरी हो गई है और कंपनी को फिर से ट्रायल शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। रेगुलेटर का कहना है कि एक या दो मरीजों में साइड इफेक्ट आना नॉर्मल है, जानकारी के लिए बता दें कि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) भी इस वैक्सीन के ट्रायल कर रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा था, ‘हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और भारत परीक्षण को फिलहाल स्थगित कर रहे हैं। अब दोबारा इसे शुरू करने की बात चल रही है. सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया मात्रा के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी टीका विनिर्माण कंपनी है।
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