बैतूल। बैतूल जिले के मुलताई में पुलिस ने सवा करोड़ रुपए के गबन के मामले में क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय कुमार ओझा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस एक दिन की रिमांड के बाद उन्हें मंगलवार को कोर्ट में फिर पेश करेगी। सोमवार शाम नमन के पिता थाने में बंद थे, इस दौरान वह उनकी जमानत के लिए वहां पहुंचे थे। बैतूल जिले के मुलताई में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ग्राम जौलखेड़ा शाखा में 2013 में लगभग सवा करोड़ रुपए के गबन का मामला सामने आया था। इस मामले में 2014 में तत्कालीन मैनेजर रहे नमन के पिता विनय ओझा पर एफआईआर हुई थी। वीके ओझा पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज है। 2014 में केस दर्ज होने के बाद से वीके ओझा फरार चल रहे थे। जिनकी पुलिस 8 साल से तलाश कर रही थी। मामले में संलिप्त सभी आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके है।
एसडीओपी मुलताई नम्रता सोंधिया ने बताया कि गबन के मामले में फरार चल रहे आरोपी विनय ओझा को गिरफ्तार कर लिया है। 2013 में बैंक आफ महाराष्ट्र शाखा जौलखेड़ा में पदस्थ बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम ने गबन की साजिश रची थी। उनका तबादला होने के बाद ओझा और अन्य ने मिलकर 2 जून 2013 को लगभग 34 फर्जी खाते खुलवाए। इन्होंने केसीसी का लोन ट्रांसफर कर लगभग सवा करोड़ रुपए का आहरण कर लिया। जिस समय यह गबन हुआ तब बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा में विनय ओझा शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थ थे। इस मामले में बैंक के पूर्व प्रबंधक अभिषेक रत्नम, विनोद पंवार, लेखापाल निलेश छलोत्रे, दीनानाथ राठौर सहित ओझा को पुलिस ने आरोपी बनाया। करीब एक साल बाद तत्कालीन शाखा प्रबंधक रितेश चतुर्वेदी ने 19 जून 2014 को गबन की शिकायत थाने में की थी।
शिकायत में बताया कि फर्जी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंक से राशि निकाली गई है। तरोड़ा बुजुर्ग निवासी दर्शन पिता शिवलू की मौत होने के बाद भी उसके नाम से खाता खोलकर रुपए निकाले गए। अन्य किसानों के नाम से भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर लगभग सवा करोड़ रुपए का गबन किया गया।