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Saturday, November 16, 2024

चंबल नदी में खेल रहे मासूम बच्चे को मगरमच्छ ने निगला

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श्योपुर। श्योपुर में मगरमच्छ ने 7 साल के एक मासूम को अपना निवाला बना लिया। बच्चा चंबल नदी में नहाने गया था, तभी मगरमच्छ उस पर हमला कर उसे नदी में खींच कर ले गया। ग्रामीण नदी में उतरे और मगरमच्छ को पकड़ लाए। उसे रस्सी से बांध दिया और उसके मुंह में लकड़ी डाल दी। ग्रामीणों का कहना था कि बच्चा मगरमच्छ के पेट में है और उसके निकालने के बाद ही मगर को छोड़ेंगे। चार घंटे बाद भी मगरमच्छ ने कोई हरकत नहीं की तो उसे वन विभाग के हवाले कर दिया गया। मामला जिले के रघुनाथपुर क्षेत्र के रीझेटा घाट पर चंबल नदी के किनारे का है। लक्ष्मण सिंह केवट का 7 साल का बेटा अतर सिंह सोमवार की सुबह चंबल नदी पर नहाने गया था। मगरमच्छ उसे खींचकर नदी में ले गया। बच्चे को नदी में खींचकर ले जाते हुए वहां नहा रहे गांव के दूसरे लोगों ने देख लिया। इसके बाद बच्चे के परिजन और ग्रामीण हाथों में लाठी-डंडे और जाल लेकर आ गए। ग्रामीणों ने किसी तरह मगरमच्छ को जाल में फंसाकर बाहर निकाला और रस्सी से बांध लिया।

 

सूचना मिलते ही घड़ियाल विभाग की टीम ग्रामीणों के कब्जे से मगरमच्छ को छुड़ाने के लिए मौके पर पहुंची। दलील दी कि मगरमच्छ बच्चे पर हमला कर सकता है, निगल नहीं सकता। लेकिन, ग्रामीणों ने विभाग की नहीं सुनी और मगरमच्छ को छोड़ने से इनकार कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि बच्चा मगरमच्छ के पेट में है, इसे कैसे छोड़ें। ग्रामीणों का कहना था कि बच्चे को मगरमच्छ ने निगला है और वह इसके पेट में है। बच्चे को मगरमच्छ के पेट से निकालकर ही उसे छोड़ेंगे। दिनभर चंबल नदी पर लोगों का जमावड़ा लगा रहा। घड़ियाल विभाग के अधिकारी ग्रामीणों को मगरमच्छ को छोड़ने के लिए समझाते रहे।

 

 

 

रघुनाथपुर थाना प्रभारी श्यामवीर सिंह तोमर ने फोन पर बताया कि एक बालक नदी में नहाते समय गहरे पानी में चला गया। ग्रामीणों का कहना है कि उसे मगरमच्छ निगल गया है। घटना के तुरंत बाद ग्रामीण और बच्चे के परिजन बालक की तलाश में जुट गए थे, लेकिन कहीं पता नहीं चला। ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पकड़कर बांध लिया। हालांकि SDRF की टीम भी बालक की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अभी तक कोई पता नहीं चला है। अधिकारियों का कहना है कि अगर मगरमच्छ ने बालक पर हमला किया है तो उसने उसे थोड़ा बहुत खाकर छोड़ दिया होगा।लक्ष्मण केवट के 3 बेटे थे। इनमें अतर सबसे बड़ा था। उसकी मौत की सूचना के बाद मां और पिता बेसुध हो गए। वन विभाग ने पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है।

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