MP में प्रधानमंत्री राशन कल्याण योजना में करोड़ों की गड़बड़ी

भोपाल। राशन वितरण में फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ऑनलाइन पीओएस मशीनों के जरिए राशन बंटवा रही है। बावजूद प्रदेश में 2014 से 2021 की अवधि में जांच के दौरान 23 लाख 53 हजार 760 लोगों के राशन कार्ड फर्जी पाए गए। यानी नियमानुसार इन्हें राशन लेने की पात्रता नहीं थी। जांच के बाद इनके नाम बीपीएल सूची से काटे गए हैं। देश में फर्जी राशन कार्डधारियों में मध्यप्रदेश का नंबर चौथा है। पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश है। यहां 1 करोड़ 70।लाख 75 हजार 301 फर्जी राशन कार्डधारी मिले। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 41 लाख 65 हजार 552 और तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल में 41 लाख 9 हजार 873 फर्जी राशन कार्डधारी मिले। ये हकीकत हाल ही में राज्य सभा में सांसद हरनाथ सिंह यादव के प्रश्न पर खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे द्वारा पेश रिपोर्ट से सामने आई है।

सरकार ने तय कर रखा है कि गरीबी रेखा की सूची में उसका ही नाम दर्ज किया जाएगा, जिसकी मंथली इनकम 522 रुपए प्रति व्यक्ति से ज्यादा नहीं होगी। फिर भी मप्र की 70 फीसदी से ज्यादा आबादी इस दायरे में हैं, जिसे 28 कैटेगरी में राज्य सरकार द्वारा राशन बांटा जाता है। खाद्य
विभाग के अफसर लगातार तीन से छह महीने के भीतर राशन नहीं लेने वाले लोगों की जानकारी जुटा रहे हैं और जांच के बाद उनके नाम काट रहे हैं। प्रदेश की बीपीएल सूची में 1 करोड़ 15 लाख 29 हजार 766 परिवार दर्ज हैं। प्रदेश सरकार 4 करोड़ 89 लाख सदस्यों को हर महीने राशन दे रही है। भोपाल की 23 लाख की आबादी में 57% लोग बीपीएल सूची में हैं।

जानकारी के अनुसार बात दे अफसरों ने बताया कि 2020-21 से 15 जनवरी 2022 की स्थिति में मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन बांटने में गड़बड़ी से संबंधित 30 शिकायतें मिली हैं। जांच के बाद इसमें 29 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। गड़बड़ी में शामिल सबसे ज्यादा 15 लोग रायसेन जिले के थे। 10 लोग भोपाल के थे, जिन्होंने गड़बड़ी कर राज्य शासन को नुकसान पहुंचाया।

नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा सार्वजनिक।वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत पात्र परिवारों में अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों के साथ-साथ प्राथमिकता परिवार के रूप में 24 श्रेणियों को शामिल किया है। इन श्रेणियों में समस्त बीपीएल परिवार
शामिल हैं। इसके अलावा 23 अन्य श्रेणियों के गैर-बीपीएल परिवारों को भी शामिल किया है।

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