ग्वालियर। इंस्टाग्राम, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रील बनाने की दीवानगी इस हद तक बढ़ गई है कि लोग अपनी जान को भी जोखिम में डालने लगे हैं। ताजा घटनाओं में मध्यप्रदेश से जुड़े दो मामले सामने आए हैं, जिनमें से दोनों में लोगों की जान गई है।
पहली घटना ग्वालियर की है, जहां 4-5 मार्च की रात एक महिला और पुरुष सिलेंडर से गैस लीक करते हुए रील बना रहे थे, जिससे दोनों झुलस गए। इस हादसे में पुरुष की दुखद मौत हो गई। दूसरी घटना मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम की है, जहां एक युवक रील पर ज्यादा लाइक्स और कमेंट्स के लिए बाइक चलाते हुए नदी में कूद गया और पानी में डूबकर उसकी मौत हो गई।
देशभर में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां इंटरनेट मीडिया पर प्रसिद्ध होने के लिए लोग जानलेवा करतब कर रहे हैं और अपनी जान गंवा रहे हैं।
ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में यह समस्या और भी बढ़ गई है, जहां लोग अवैध हथियारों के साथ रील बना रहे हैं। युवा और यहां तक कि नाबालिग भी अवैध हथियारों के साथ वीडियो बनाते हैं, जो उन्हें अपराधी बना देता है और अंत में जेल की सजा भुगतनी पड़ती है।
इंटरनेट मीडिया पर मशहूर होने की लालसा में कुछ युवक अपराधी बन रहे हैं, जैसे कि केशव यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर ‘सिस्टम’ नाम से गाना बनवाया।
इसकी एक प्रमुख वजह यह है कि रील्स के जरिए कई लोग प्रसिद्ध हुए हैं, और अब हर कोई खुद को सोशल मीडिया पर दिखाने के लिए जानलेवा करतब, अजीब हरकतें और अश्लील वीडियो बना रहा है।
साथ ही, यह एक और वजह से बढ़ रहा है कि लोग इसे कमाई का सबसे आसान तरीका मानते हैं। जब किसी रील को लाखों व्यूज मिलते हैं, तो पैसा भी मिलने लगता है।
स्क्रीन टाइम घटाएं
खुद को आउटडोर एक्टिविटी में व्यस्त रखें और रीडिंग की आदत डालें। रील्स की वजह से पढ़ाई का समय कम हो रहा है, इसलिए किताबें, मैगजीन और न्यूजपेपर पढ़ें।
बच्चों को दूर रखें
3 साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल न दें। अगर अधिक समय देना हो तो उसका समय निर्धारित करें।
थेरेपी लें
अगर समस्या बढ़ जाए, तो डिटॉक्सिफिकेशन थेरेपी का सहारा लें, जो स्क्रीन टाइम कम करने में मदद करती है।
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