ग्वालियर। देश का भविष्य तय करने वाले युवा अब मतदान में कुछ खास रुचि नहीं ले रहे हैं। वोट डालने से ज्यादा युवाओं को अपने बाकी काम जरूरी लगते हैं, यह बात बीते दिनों हुए लोकसभा चुनाव में युवाओं के मतदान के रुझान देख कर समझ आती है। कुल 20 करोड़ से भी अधिक युवा मतदाताओं में से सिर्फ 29.8 प्रतिशत युवाओं ने ही मतदान किया है जो वर्ष 2019 में हुए मतदान से भी कम रहा।
इसी समस्या को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने चुनाव आयोग के साथ एमओयू कर शिक्षा पद्धति में ही मतदान का विषय जोड़े जाने का निर्णय लिया है। जी हां, अब कालेज के युवा अपनी पढ़ाई के साथ चुनावी मतदान की पढ़ाई भी करेंगे। इस अनुबंध के तारतम्य में यूजीसी ने भी आदेश जारी कर जल्द इस शिक्षण प्रक्रिया को लागू करने की बात कही है। इसे एक सर्टिफिकेट कोर्स के रूप में शामिल किया जा सकता है। इसमें युवाओं को वोटिंग और मतदान के बारे में तो पढ़ाया ही जाएगा, साथ ही वोटिंग प्रक्रिया, मतगणना सहित तनकीनी जानकारी भी दी जाएगी।
इस एमओयू में स्पष्ट किया गया है कि पंजीयन के लिए 18 से 19 वर्ष के युवाओं की कुल संख्या में से 14 प्रतिशत से भी कम युवा आगे आते हैं। कुछ तो देरी से वोटर कार्ड बनवा लेते हैं कुछ अपना वोटर कार्ड बनवाते ही नहीं है। ऐसे में युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग की होती है। शिक्षण प्रक्रिया में इसे शामिल कर युवाओं को मतदान के प्रति जागरुक किया जा सकता है।
देश में युवाओं की संख्या
•37.14 करोड़ (लगभग)पंजीकृत युवाओं का आंकड़ा
• एक करोड़ 84 लाख 81 हजार610 (18 से 19 वर्ष)
• 19 करोड़ 74 लाख 37 हजार160 (20 से 29 वर्ष)
बीते पांच वर्षों में गिरा पंजीकृत युवा मतदाताओं का प्रतिशत
वर्ष युवा मतदाता प्रतिशत
2004 35.5
2009 34.5
2014 33.1
2019 31.4
2024 29.8