Homeधार्मिकमंदिरों से सरकारी नियंत्रण हटाने की मांग, विहिप ने किया प्रदर्शन

मंदिरों से सरकारी नियंत्रण हटाने की मांग, विहिप ने किया प्रदर्शन

भोपाल में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और साधु-संतों ने सोमवार को एक विशाल प्रदर्शन किया, जिसमें दो प्रमुख मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला गया। पहली मांग थी मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की, और दूसरी थी तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावटखोरी करने वालों को फांसी देने की। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री निवास की ओर कूच किया, लेकिन अचानक रास्ता बदलते हुए डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के आवास का घेराव कर दिया।

प्रदर्शन की मुख्य मांगें:

  1. मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना: विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष के.एल. शर्मा ने इस दौरान कहा कि पिछले 77 सालों से सरकार मंदिरों को लूटने का काम कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि धर्म और दान हिंदू समाज का है, तो मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण क्यों है? उन्होंने कहा कि मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है।
  2. तिरुपति प्रसाद में मिलावट: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में चर्बी और मछली के तेल मिलाने का गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने दोषियों को फांसी की सजा की मांग की। उन्होंने धमकी दी कि यदि सरकार कार्रवाई नहीं करती, तो दोषी को संत समाज के हवाले कर दिया जाए, क्योंकि “शांत हिंदू हथियार उठाना भी जानता है।”

संत समाज की भूमिका:
संत समाज भी इस प्रदर्शन में शामिल हुआ और उन्होंने मस्जिदों और मंदिरों के बीच भेदभाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि मस्जिदें निजी संपत्ति होती हैं और काजियों को सरकारी लाभ मिलता है, जबकि मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण होता है और पुजारियों को किसी तरह का सरकारी आर्थिक लाभ नहीं मिलता।

यह प्रदर्शन भोपाल में हिंदू धार्मिक अधिकारों और मंदिरों की स्वायत्तता के मुद्दे पर गहराते असंतोष को दर्शाता है। संतों और विहिप ने इस मुद्दे पर सरकार को कड़ी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन और तेज हो सकता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!