ग्वालियर: मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। जिले में डेंगू से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है, जब 75 वर्षीय बुजुर्ग चतुर सिंह की डेंगू से मौत हो गई। चतुर सिंह का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था। वह गंगा मालनपुर इलाके के निवासी थे। निजी लैब की जांच में उनकी डेंगू पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की दूसरी जांच रिपोर्ट ने इसे नकारा था।
चतुर सिंह की मौत ने ग्वालियर जिले में डेंगू से जुड़ी चिंताओं को और बढ़ा दिया है। जिले में बीते 24 घंटों में 352 मरीजों की जांच की गई, जिनमें से 47 नए डेंगू पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। सितंबर माह में डेंगू के मरीजों की कुल संख्या अब 460 हो गई है, जिनमें 17 साल से कम उम्र के 292 बच्चे शामिल हैं।
बच्चों पर डेंगू का सबसे अधिक असर
डेंगू का सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर देखा जा रहा है। 292 बच्चे, जो 17 साल से कम उम्र के हैं, डेंगू से संक्रमित पाए गए हैं, जो चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन डेंगू की रोकथाम के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मामलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
डेंगू से बचाव और रोकथाम के प्रयास
स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू के मामलों को रोकने के लिए इलाके में फॉगिंग और एंटी-लार्वल दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही, लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें घरों के आस-पास साफ-सफाई रखने और पानी जमा न होने देने की अपील की जा रही है।
डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि बुखार, सिरदर्द, और बदन दर्द जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। लोगों से भी आग्रह है कि वे डेंगू से बचाव के उपायों का पालन करें और अपने परिवेश को साफ-सुथरा रखें।