ग्वालियर। जयारोग्य अस्पताल में एक मरीज भर्ती हुआ है, मरीज मुरैना को रहने वाला है। लेकिन कुछ दिनों से है। अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती था। इसकी डेंगू की जांच सैंपल में जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भेज दिया था। जिसकी रिपोर्ट आई, तो उसमें डेंगू की पुष्टि हुई है। इधर शहर में स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू के मरीज की अलग से भर्ती होने की व्यवस्था नहीं है। शहर में मच्छर जनित बीमारियों से निपटने की तैयारी भी महज कागजों तक ही सीमित बनी हुई है। बारिश का मौसम चल रहा है और मलेरिया विभाग शांति से बैठा है। विभाग के पास मच्छरदानी तक उपलब्ध नहीं है। जिसे घनी बस्ती व ग्रामीण क्षेत्र में बांटा जा सके।
अस्पताल में सामान्य मरीज के साथ डेंगू के मरीज रखने से अन्य को डेंगू होने का खतरा हो सकता है। आपको बता दें, कि ग्वालियर में अभी तक डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है, जनवरी में 15 मलेरिया के मामले सामने आए थे।
दरअसल शहर में पानी गिरने से मच्छर पनप रहे हैं। लेकिन एंटी लार्वा सर्वे मलेरिया विभाग का धीमा चल रहा है। जिसके कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों को आप मच्छर जनित बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है। इधर स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर की तैयारी के चलते मच्छर जनित बीमारियों पर ध्यान नहीं दे रहा। जिसके चलते शहर में एंटी लार्वा अभियान भी नहीं चल पा रहा है, जो शहर वासियों के लिए खतरे का कारण बन सकता हैं।
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