ग्वालियर। जिन लोगों में कुछ कर गुजरने का जज्बा होता है उन लोगों को रास्ते मे आने वाली मुश्किलें भी कामयाब होने से नही रोक सकती हैं। आंतरी गांव की रहने वाली महिला प्रियंका बघेल इसकी मिसाल है। बीस दिन का बेटा होने के बावजूद प्रियंका 12 वीं की परीक्षा देर रही है। प्रियंका पढ़कर डॉक्टर बनना चाहती है। प्रियंका के पति खेर सिंह ड्राइवर की नौकरी कर घर चलाते हैं, पति खुद 12 वीं पास है लेकिन पत्नी प्रियंका के सपनों को पूरा करने में मददगार बनकर उसका हौसला बढ़ा रहा है।
20 दिन के बच्चे को लेकर परीक्षा देने पहुंची प्रियंका
पदमा स्कूल में बच्चे को गोद मे लेकर चल रही ये लड़की प्रियंका बघेल है, प्रियंका ने महज़ 20 दिन पहले बेटे को जन्म दिया है, लेकिन पढ़ाई के लिए उसका जुनून है कि वो 20 दिन के बच्चे के साथ परीक्षा देने आई है। नन्हे बच्चे को अपने पति खेर सिंह के हाथों में थामकर प्रियंका परीक्षा देने के लिए स्कूल में दाखिल हो जाती है। फिर पेपर देकर तीन घंटे बाद बाहर निकलती है। आर्थिक तंगहाल परिवार की बेटी प्रियंका बघेल की शादी दिसंबर 2020 में आंतरी में रहने वाले खेर सिंह के साथ हुई थी। प्रियंका ने पति खेर सिंह को बताया कि वो पढ़कर डॉक्टर बनना चाहती है। खेर सिंह ने प्रियंका की भावना को समझते हुए उसका 12 वीं का प्रायवेट फॉर्म भरवाया। पढाई शुरू की तो वो गर्भवती हुई, आखिर में 20 दिन पहले उसने बेटे को जन्म दिया। बच्चे के सोने के बाद रात रात भर प्रियंका ने तैयारी की और अब परीक्षा दे रही है। प्रियंका का कहना है कि वो अपना सपना पूरा करना चाहती है, साथ ही अपने जैसी लड़कियों से कहती है कि हिम्मत महि हारना, अपनो को पूरा करने के लिए संघर्ष करना चाहिए।
प्रियंका के सपने को पूरा करने में पति बना मददगार
प्रियंका के पति खेर सिंह 12 वीं पास है और ड्राइवर की नौकरी करते हैं। प्रियंका ने ससुराल पहुंचने के बाद अपने आगे पढ़ने के जुनून को जिंदा रखा। ससुराल वालों ने पहले तो मना किया, लेकिन उसने समझाया तो सब मान गए। शादी के बाद प्रियंका गर्भवती हुई फिर 20 दिन पहले बेटे को जन्म दिया, लेकिन इन परेशानियों के दौरान प्रियंका के पति और ससुराल वालों ने पढ़ाई में भरपूर सहयोग दिया दिन में वह घर के कामकाज और बच्चे को संभालती है और रात को वह पढ़ाई करती थी।
देखने वाले प्रियंका के हौसलें की कर रहा तारीफ…
बुधवार को जब एग्जाम शुरू हुए तो वह अपने पति के साथ पद्मा स्कूल में एग्जाम देने के लिए जब अपने बच्चे को लेकर पहुँची तो हर कोई उन्हें देखकर हैरान रह गया। स्कूल प्रबंधन ने एग्जाम देने परेशानी होने पर स्कूल परिसर में उनके पति के रहने की अनुमति प्रदान की ताकि वह बच्चों की देखभाल कर सकें और प्रियंका इत्मिनान से पेपर दे सके। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि प्रियंका का यह हौसला दूसरे लोगो के लिए एक मिसाल है।