संस्कारधानी जबलपुर के बादशाह हलवाई मन्दिर की पहाड़ी पर एक अंधेरी गुफा स्थित है। इस गुफा में कुबेर की मूर्ति स्थापित है, जिसे चमत्कारी माना जाता हैं। आज तक कोई उसकी फोटो लेने में सफल नहीं हुआ। किन्तु जिसने एक बार उसके समक्ष सिर झुका दिया उस पर धनवर्षा में कोई संदेह नहीं रह जाता, ऐसी मान्यता है।
स्कंद पुराण के रेवाखण्ड के अनुसार जबलपुर के नर्मदा तट पर धन की देवी विष्णुपत्नी लक्ष्मी के श्रीचरण पड़े स्कंद पुराण के रेवाखण्ड के अनुसार राजा बलि की परीक्षा लेने श्री हरि विष्णु वामन अवतार में जिस धरा पर उतरे थे, वह जबलपुर का नर्मदा तट था, जिसका विस्तार रमनगरा से गोपालपुर तक है। यह स्थल सतयुगीन विभिन्न स्मृतियों को सँजोये हुए आज भी विद्यमान है।
बैकुंठ में वामन से लक्ष्मी ने साथ चलने की ज़िद की, किन्तु ब्रह्मचारी वेषधारी लघुरूप वामन तैयार न हुए। लिहाज़ा, लक्ष्मी ने उनके छत्र में गुपचुप प्रवेश कर पृथ्वी तक पहुंचने की जुगत भिड़ाई। यहां पहुंचकर जब वामन के समक्ष राज खुला तो वे पहले नाराज हुए फिर पूजन के लिए सामग्री लाने भेजकर लक्ष्मी जी का मन रख लिया। गोपालपुर में सामग्री के लिए बहाने किये जाने पर लक्ष्मी रुष्ट हुईं और श्राप तक दिया। जिसका प्रभाव गोपालपुर के लोग आज भी अनुभव करते हैं।
धनवंतरी नगर है सबसे बड़ी कॉलोनी नर्मदा रोड स्थित बादशाह हलवाई मन्दिर और गोपालपुर का जुड़ाव जिस भूमि से है-उसे आज धनवंतरी नगर पुकारते हैं। मेडिकल के पास यह पावन भूमि है, जिस पर शहर की सबसे बड़ी कॉलोनी बनी है। इस पर सर्वाधिक चिकित्सा पेशे के लोग निवास कर आयुर्वेद के आराध्य धनवंतरी भगवान की साधना-आराधना करते हैं।
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