इंदौर । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मंगलवार मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि भारत में अल्पसंख्यक मुसलमान समुदाय की प्रजनन दर गिर रही है, देश में मुस्लिमों की आबादी इस कदर कभी नहीं बढ़ सकती कि वे हिंदुओं को पीछे छोड़ते हुए बहुसंख्यक बन जाएं। देश के मुसलमान समुदाय में जन्म दर घटती जा रही है और वैसे भी महंगाई के इस जमाने में आम शौहर के लिए एक बीवी और उससे जन्मे बच्चों को पालन-पोषण तक मुश्किल हो रहा है। ऐसे में भला कौन मुसलमान चार बीवियां और उनके जन्मे बच्चे पाल सकता है?
इसके साथ ही उन्होंने संघ परिवार से जुड़े लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह गलत प्रचार किया जाता है कि बहुविवाह के जरिये लगातार आबादी बढ़ाए जाने से अगले 10 साल के भीतर देश में मुसलमान अल्पसंख्यक से बहुसंख्यक से हो जाएंगे, जबकि हिंदू बहुसंख्यक से अल्पसंख्यक रह जाएंगे। साथ ही उनोने कहा कि मैं भागवत से लेकर संघ के छोटे प्रचारकों तक को इस विषय पर सार्वजनिक बहस की चुनौती देता हूं, मैं प्रमाणित कर दूंगा कि देश में मुसलमान बहुसंख्यक कभी नहीं हो सकते है।
इस दौरान उन्होंने सांप्रदायिक भाजपा और आरएसएस की आलोचना करने के लिए उनकी तुलना राक्षस रावण और उसके दस सिरों से की है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस के शब्द व व्यवहार आपस में मेल नहीं खाते हैं। रावण के दस सिर थे और वह उनके जरिये अलग-अलग बात बोलता था।