बीजेपी में कलह: उपाध्यक्ष और महामंत्री ने दिया इस्तीफा, विधायक पर लगाए गंभीर आरोप

 

शिवपुरी। भारतीय जनता पार्टी ने भले ही कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए पूर्व विधायक जसवंत जाटव को जिला अध्यक्ष नियुक्त कर संगठन को मजबूत करने की कवायद कि हो, लेकिन नियुक्ति के बाद से ही जिले में बीजेपी के अंदर ही घमासान चल रहा है। करैरा से भाजपा विधायक रमेश प्रसाद खटीक शुरुआती दौर से इस नियुक्ति का खुलकर विरोध कर रहे है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी ये मानकर चल रही थी कि जसमंत को अध्यक्ष बनाकर शिवपुरी में सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन यहां तो आशाओं की आरती नहीं, आरोपों की आरती हो गई है।

वहीं,अब जिला अध्यक्ष का विरोध करने वाले विधायक का पर आरोप लगने लगे हैं। भाजपा करैरा मंडल में संगठनात्मक संकट खुलकर सामने आ गया है। मंडल उपाध्यक्ष देवेंद्र जैन और महामंत्री अनिल बंसल ने सोशल मीडिया पर अपने पदों से इस्तीफे की घोषणा करते हुए विधायक रमेश प्रसाद खटीक के व्यवहार और संगठन के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है। दोनों नेताओं ने कहा कि पुराने कार्यकर्ताओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है और विधायक के आसपास ‘चापलूसों की फौज’ ने वातावरण विषैला बना दिया है।

फेसबुक पर इस्तीफा, पार्टी में हड़कंप…
देवेंद्र जैन और अनिल बंसल ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि वे अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं, क्योंकि पार्टी में समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है और सम्मान के बिना पद का कोई मूल्य नहीं रह गया। सोशल मीडिया पर यह पोस्ट सामने आने के बाद करैरा भाजपा में अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आ गई।

विधायक रमेश खटीक पर सीधा हमला…
दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत बातचीत में आरोप लगाया कि विधायक रमेश खटीक पुराने कार्यकर्ताओं से दूरी बनाकर अपने खास लोगों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

मंडल उपाध्यक्ष देवेंद्र जैन ने कहा कि हमने विधायक को जिताने के लिए हर चुनाव में मेहनत की, लेकिन आज हमें समय तक नहीं दिया जा रहा। बैठकों से बाहर रखा जाता है। चापलूसों को साथ लेकर राजनीति चल रही है। सम्मान नहीं मिला, इसलिए पद छोड़ दिया। वहीं, मंडल महामंत्री अनिल बंसल ने कहा कि विधायक का रवैया अपमानजनक है। दशकों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन अब हम हाशिए पर हैं। मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ा, लेकिन पार्टी के लिए काम जारी रहेगा।

संगठन पर भी लगाए गंभीर आरोप…
दोनों पदाधिकारियों ने सिर्फ विधायक ही नहीं, जिला और प्रदेश संगठन पर भी नाराजगी जाहिर की है। उनका आरोप है कि बैठकों से जानबूझकर दूर रखा जा रहा है और पूर्व विधायक व प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत जैसे पुराने सहयोगी भी अब कोई समर्थन नहीं दे रहे हैं।

मंडल अध्यक्ष ने पल्ला झाड़ा, कहा- मुझे जानकारी नहीं…
करैरा मंडल अध्यक्ष हेमंत शर्मा ने कहा कि वे चारधाम यात्रा पर हैं और उन्हें इस्तीफे की जानकारी सोशल मीडिया से मिली है। लौटकर इस मामले में बातचीत करेंगे। वहीं, जिला अध्यक्ष जसमंत जाटव जो स्वयं करैरा से विधायक रह चुके हैं, उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं का इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। उन्हें बुलाकर बातचीत करेंगे और मनाने का प्रयास करेंगे। मुझे उम्मीद है, वे मान जाएंगे।

इसके साथ ही करैरा विधायक रमेश खटीक ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि देवेंद्र जैन और अनिल बंसल महीनों से मेरे पास नहीं आए। अनिल को तो मैं जानता भी नहीं था, ये कब महामंत्री बन गए, मुझे पता नहीं। मेरे कार्यक्रम सबके लिए खुले होते हैं। वे मेरे विरोधियों के साथ रहते हैं और अब राजनीति कर रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषण: चुनाव जीत के बावजूद मजबूत नहीं है विधायक की पकड़
2023 के विधानसभा चुनाव में रमेश खटीक की जीत कांग्रेस के प्रागीलाल जाटव पर महज 2,600 वोटों के अंतर से हुई थी, जो किसी भी तरह से ‘मजबूत जनादेश’ नहीं माना जाता। इससे पहले 2018 में कांग्रेस ने भाजपा को भारी अंतर से हराया था और 2020 के उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी (जसमंत जाटव) को 30,000 से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। इन चुनावी आंकड़ों के साथ-साथ अब पार्टी के भीतर पुराने कार्यकर्ताओं का असंतोष, आगामी चुनावों में भाजपा के लिए खतरे की घंटी हो सकता है। करैरा भाजपा में यह इस्तीफा सिर्फ दो पदों से नहीं, बल्कि एक अंदरूनी असंतोष की चिंगारी है जो संगठन की जड़ों तक पहुंच रही है। यदि पार्टी नेतृत्व समय रहते संज्ञान नहीं लेता, तो आगामी चुनावों में करैरा सीट पर भाजपा के लिए स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

 

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