इंदौर। भोपाल गैस त्रासदी का जहरीला कचरा पीथमपुर में पहुंचने के बाद से प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। जहरीले कचरे को लेकर लगातार अफवाहें फैल रही हैं, जिससे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी बीच, शनिवार को मोहन सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल कचरा नहीं जलाया जाएगा। वहीं, बीजेपी ने कचरे से कैंसर होने का दावा करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है।
विशेषज्ञों की राय बनी विवाद का कारण
हाल ही में कुछ डॉक्टरों ने दावा किया कि रासायनिक कचरे के जलने से निकलने वाला धुआं कैंसर का कारण बन सकता है। इस बयान के बाद पीथमपुर में तनाव बढ़ गया है। हालांकि, अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस कचरे में अब कोई खतरनाक केमिकल नहीं बचा है और इसके जलने से कोई नुकसान नहीं होगा। सीएस अनुराग जैन ने भी इसे सुरक्षित बताते हुए कहा कि इसका प्रभाव शून्य हो चुका है।
डॉक्टरों और नेताओं पर होगी कार्रवाई
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने इंदौर में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेता जनता को भड़का रहे हैं और उन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी सहमति जताते हुए ऐसे नेताओं के नाम कोर्ट में भेजने की बात कही। वीडी शर्मा ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा कैंसर का दावा गलत है, और प्रशासन को उन पर कार्रवाई करनी चाहिए।
वीडी शर्मा का बयान
वीडी शर्मा ने कहा, “यह कचरा पूरी तरह से सुरक्षित है। 25 साल बाद इसमें कुछ भी खतरनाक नहीं बचता। प्रशासन की चूक के कारण जनता तक सही जानकारी नहीं पहुंच पाई, जिससे भ्रम पैदा हुआ। फिलहाल कचरे को केवल पहुंचाया गया है, इसे जलाया नहीं जाएगा।”
प्रदर्शन और अफवाहें
कचरे के पहुंचने के बाद पीथमपुर में प्रदर्शन और हिंसा के मामले सामने आए हैं। तारपुरा और आसपास के गांवों में यह अफवाह फैली कि कंटेनर से कचरा निकाला गया है और कर्मचारी घायल हुए हैं। इसके बाद भीड़ ने एक टेंट में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया। फिलहाल प्रदर्शनकारियों और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।
सरकार ने मांगा हाईकोर्ट से समय
सरकार ने फैसला किया है कि स्थानीय लोगों से चर्चा और उन्हें संतुष्ट करने के बाद ही जहरीले कचरे का निष्पादन शुरू होगा। इसके लिए हाईकोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा जाएगा।