सागर। लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को जिला कोषालय सागर में कार्यरत एक क्लर्क को 1500 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। क्लर्क ने कलेक्टर कार्यालय में कार्यरत एक चपरासी से एरियर्स के लंबित बिलों को पास कर भुगतान कराने के बदले रिश्वत मांगी थी। चपरासी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से की, और रिश्वत मांगने की पुष्टि के बाद शुक्रवार शाम करीब 4 बजे लोकायुक्त पुलिस की टीम ने क्लर्क को पैसे लेते हुए पकड़ लिया। इस कार्रवाई में ट्रैपकर्ता अधिकारी रणजीत सिंह, निरीक्षक अभिषेक वर्मा, प्रधान आरक्षक शफीक खान, आरक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह, आदेश तिवारी और प्रदीप दुबे शामिल थे।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अनुसार, धनीराम पुत्र सुदामा प्रसाद बांगर, निवासी पुरव्याऊ टौरी, गणेश घाट ने शिकायत की थी कि जिला कोषालय सागर में सहायक ग्रेड-3, रामजी कोरी एरियर्स के लंबित बिलों को पास करने के बदले रिश्वत मांग रहा है। लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू की और फिर ट्रैप की योजना बनाई। आवेदक को रिश्वत की रकम के साथ क्लर्क के पास भेजा गया, और जैसे ही उसने इशारा किया, पुलिस ने क्लर्क को रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपी रामजी कोरी के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
कैंसर से पीड़ित पत्नी के इलाज के लिए रुपये की थी आवश्यकता
जानकारी के अनुसार, धनीराम बांगर की मूल पदस्थापना शाहगढ़ में है, लेकिन वह हाल ही में कलेक्टर कार्यालय अटैच हो गए थे। उनकी पत्नी कैंसर से पीड़ित है और इलाज तथा घर के अन्य खर्चों के लिए उसे रुपये की जरूरत थी, यही कारण था कि उसने कोषालय में एरियर्स निकालने के लिए आवेदन किया था, लेकिन क्लर्क ने उसमें भी रिश्वत की मांग की।
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