श्योपुर। श्योपुर कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने इस बार दिवाली के त्योहार को खास बनाने के लिए एक अनोखी पहल की है। उन्होंने सड़कों पर बैठकर मिट्टी के दीपक खरीदे और दुकानदारों के साथ चर्चा की। कलेक्टर ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि वे इस दीपावली पर प्लास्टिक के दीपों के बजाय मिट्टी के दीयों का उपयोग करें। उनका यह कदम पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का एक प्रयास है, जो लोगों को स्वदेशी उत्पादों के प्रति भी प्रेरित करता है।
मिट्टी के दीपों से करें पर्यावरण की रक्षा
कलेक्टर कन्याल ने कहा कि दीपावली के मौके पर हमें अपने परंपरागत उत्पादों का उपयोग करना चाहिए। मिट्टी के दीये न केवल पर्यावरण के लिए अच्छे हैं, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपरा का भी प्रतीक हैं। उनका यह संदेश समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वृद्धाश्रम में जाकर वृद्धजनों को दी शुभकामनाएं
कलेक्टर ने दिवाली के अवसर पर प्रेरणा वृद्धाश्रम का भी दौरा किया। वहां उन्होंने सभी वृद्धजनों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इस दौरान, उन्होंने वृद्धजनों के साथ बातचीत की और फल वितरित किए। यह पहल न केवल वृद्धजनों को खुश करने के लिए थी, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी दर्शाती है।
वृद्धाश्रम में मौजूद बुजुर्गों ने कलेक्टर कन्याल का आभार व्यक्त किया और उन्हें आशीर्वाद दिया। इस प्रकार, कलेक्टर ने न केवल एक त्योहार को मनाया, बल्कि समाज के प्रति अपने दायित्वों का भी पालन किया।
आपको बतादें कि कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल की यह दोनों पहलें हमें यह संदेश देती हैं कि त्योहारों का अर्थ केवल खुशियां बांटना नहीं, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना भी है। उनकी इन गतिविधियों से स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक अधिकारी केवल नियमों के पालन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे समाज के उत्थान के लिए भी तत्पर हैं। इस दिवाली, श्योपुर के नागरिक निश्चित रूप से इस सकारात्मक सोच के साथ त्योहार मनाएंगे।