सेहतमंद और दिन भर रिफ्रेश बने रहने के लिए जहां योगासन बेहद जरूरी हैं, वहीं इनकी मदद से कई बीमारियों से भी बचाव किया जा सकता है. योग को रूटीन में शामिल करने से जहां सुबह को होने वाली अकड़न को दूर किया जा सकता है, वहीं इनकी मदद से पाचन संबंधी दिक्कतें भी दूर हो सकती हैं. यानी अगर भूख कम लगती हो या गैस, सीने में जलन पेट संबंधी आदि समस्याएं हों तो योग का सहारा लिया सकता है. कुछ खास योगासन डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाए रखने में मददगार होते हैं. तो अपने रूटीन में जरूर शामिल करें ये खास योगासन-
पवनमुक्तासन
अक्सर लोगों को हिप्स एरिया में चर्बी बढ़ने और दर्द की समस्या रहती है. ऐसे में पवनमुक्तासन करने से इस भाग की मासपेशियां सक्रिय होती हैं. साथ ही यह गैस-एसिडीटी और कब्ज आदि परेशानियों में भी लाभदायक है. ऐसे में आप इसे अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले चटाई पर सीधे लेट जाएं. फिर घुटनों से टांगें मोड़ लें और इन्हें अपनी छाती के करीब लाएं. इसके बाद गहरी सांस लें और कुछ देर रोक कर सांस छोड़ें. फिर सिर को इतना उठाएं कि नाक घुटनों को छू सके. कुछ देर इसी मुद्रा में रहें. इसे कम से कम पांच बार दोहराएं.
वज्रासन
वज्रासन शरीर को सुडौल बनाए रखने में मददगार होता है. साथ ही इससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है. वहीं इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती हैं और यह एकाग्रता बढ़ाने में भी मददगार होता है. इसके अलावा यह आसन पेट की कई दिक्कतों जैसे अपचन, गैस, कब्ज इत्यादि विकारो को भी दूर करता है और पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है.
शशकासन
यह आसन पेट, कमर और कूल्हों की चर्बी को घटाता है. साथ ही पाचन को भी बेहतर बनाए रखने में मददगार होता है. इसे करने के लिए सबसे पहले बैठ जाएं और फिर अपने दोनों हाथों को श्वास भरते हुए ऊपर उठा लें. फिर अपने कंधों को अपने कानों से सटाएं. इसके बाद सामने की ओर झुकते हुए दोनों हाथों को आगे फैलाते हुए हथेलियां को भूमि पर टिका दें. ध्यान रखें इस दौरान आपका माथा भी भूमि पर टिका होना चाहिए. कुछ समय तक इसी स्थिति में रहकर पुनः पहले की तरह बैठ जाए. हालांकि अगर आपको पेट और सिर संबंधी कोई गंभीर समस्या हो तो इसे करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जर
भू-नमन आसन
भू-नमन आसन को नियमित तौर पर करने से डाइजेशन बेहतर होता है. साथ ही इससे पैरों की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं. इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं. फिर अपने पैरों को फैलाएं. इस दौरान ध्यान रखें कि आपके पंजे बिल्कुल सीधे रहें. अब सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं. अब अपने दोनों हाथों को पैरों की ओर लाते हुए पैरों की उंगलियों को पकड़ें और अपनी ठोड़ी को जमीन से लगाने का प्रयास करें.