भोपाल। शनि के प्रकोप से बचने के लिए शनिश्चरी अमावस्या पर शनिवार को श्रद्धालु भगवान शनि की पूजा अर्चना कर तिल, तेल व काला कंबल दान करेंगे। शनिवार के दिन पड़ रही शनिश्चरी अमावस्या पूजन के लिए शुभ मानी जाती है। पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि शनिवार और अमावस्या एक-दूसरे के पूरक हैं, जब भी शनिवार को अमावस्या तिथि पड़े उसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन शनि की पूजा-आराधना से शनि ग्रह के प्रकोप से बचा जा सकता है। शनिश्चरी अमावस्या पर आज शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए मंदिरों में विशेष पूजन होंगे। न्यू मार्केट कम्युनिटी हाल स्थित शनि मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त से ही हवन पूजन के कार्यक्रम होंगे। यहां पंडित अरुण बुचके महाराज के सानिध्य में पूजन के विशेष कार्यक्रम होंगे। कमला पार्क नागा बाबा आश्रम स्थित मंदिर में भी विशेष तैयारियां की गई हैं। एमपी नगर स्थित बोर्ड आफिस चौराहा स्थित मंदिर में भगवान शनि का पूजन करने श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा।
पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि शनि की साढ़ेसाती, ढैया, दशा या महादशा से जो जातक पीड़ित हैं, वह इस दिन उपासना कर शनि ग्रह की पीड़ा से बच सकते हैं। वर्तमान में मिथुन व तुला राशि पर ढैय्या व धनु, मकर व कुंभ राशि पर साढ़े साती का प्रभाव चल रहा है। शनिश्चरी अमावस्या के दिन भैरव उपासना करें और गरीबों को अन्नादान करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है। काले कुत्ते की सेवा करें। भैरव मंदिर में इमरती चढ़ाएं तथा काला कपड़ा, लोहा, काली उड़द, काला तिल, काला कंबल, कोयला आदि दान करें। शनि यंत्र स्थापित करें तथा प्रत्येक शनिवार को तेल से उसका अभिषेक करें। काली गाय की सेवा करें। हनुमान जी पर चमेली के तेल में मिश्रित सिंदूर का चोला चढ़ाएं। इस पुण्य पर्व पर शनि संबंधी प्रयोग करने से शनि ग्रह आप पर प्रसन्ना हो जाते हैं।