भोपाल। भारतवर्ष में ग्रहण को लेकर के कई अलग-अलग प्रकार की मान्यताएं प्रचलित हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का प्रभाव हर राशि पर अलग-अलग पड़ता है। ग्रहण चाहे सूर्य ग्रहण हो या फिर चंद्र ग्रहण, प्रत्येक राशि के लिए यह शुभ और अशुभ फल लेकर आता है। विज्ञान के अनुसार ग्रहण एक खगोलीय घटना है लेकिन ज्योतिष शास्त्र मानता है कि ग्रहण का प्रभाव प्रत्येक राशि पर अवश्य दिखाई देता है। ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को रोक पाना कठिन है लेकिन कुछ उपाय ऐसे हैं। जिनको करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव से अपना बचाव कर सकते हैं। भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं सूर्य ग्रहण के दौरान किए जाने वाले ऐसे उपायों के बारे में जिनसे आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रहण का प्रभाव व्यापक हो तो ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी स्टेबल नहीं हो पाता। कुछ लोगों को सूर्य ग्रहण के बाद हड्डियां कमजोर होने की शिकायत भी हो सकती है, साथ ही आत्मविश्वास में भी कमी आती है। सूर्य ग्रहण के प्रभाव से कुछ राशि वालों को पिता से सुख प्राप्त नहीं होता और सरकार की ओर से दंड भी मिलता है।
शरीर में अकड़न मुंह में थूक बना रहना, लकवा मार जाने जैसी शिकायतें भी होती हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान यदि सूर्य और शनि एक ही भाव में हो तो घर की स्त्री को कष्ट होता है। यदि सूर्य और मंगल साथ हो और चंद्र और केतु भी साथ हो तो पुत्र, मामा और पिता को कष्ट होता है। सूर्य ग्रहण के प्रभाव से गृह कलेश, असफलता, विवाह में देरी, संतान में देरी, संतान से पीड़ा, यह सभी प्रभाव दिखाई देते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान गेहूं, गुड़ और तांबे का दान करना शुभ माना जाता है। सूर्य ग्रहण के पहले और बाद में पति या पत्नी में से किसी एक को गुड़ से परहेज करना चाहिए। अपने सिर से वार करके जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से आपको समृद्धि प्राप्त होगी।
हिंदू धर्म में दान का अत्यधिक महत्व बताया गया है, सूर्य ग्रहण के बाद किसी निशक्त व्यक्ति की सहायता अवश्य करें। प्रतिदिन अपनी माता का आशीर्वाद लें और चावल- दूध का दान करें।
सूर्य ग्रहण के बाद प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें. मांस-मदिरा से दूर रहें,और अपने आचरण को शुद्ध रखें।
यदि आपके घर के आसपास कोई पीपल का पेड़ है, तो उसे प्रतिदिन पानी दें, और उसकी सेवा करें।
सूर्य ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए परिवार के सभी सदस्यों से सिक्कों के रूप में पैसे इकट्ठा करें, और किसी दिन पूरे पैसे मंदिर में दान कर दें।