नई दिल्ली। अगर आप सोशल मीडिया यूज करते हैं तो आपने इमोजी के बारें में जरूर सुना होगा और इसका इस्तेमाल भी किया होगा। इमोजी आधुनिक संसार में अभिव्यक्त करने का एक नया तरीका है। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि यह इमोजी हमेशा पीला ही क्यों होता है? इसके पीछे क्या कारण है? अगर नहीं किया है तो चलिए आज हम आपको बताते हैं।
फेसबुक हो या व्हाट्सऐप या फिर कोई और सोशल नेटवर्किंग साइट्स हम अक्सर मैसेज में इमोजी का इस्तेमाल करते हैं। इमोजी से हम किसी भी मैसेज को आकर्षक बना देते हैं और आसानी से अपने अभिव्यक्ति को सामने वाले तक पहुंचा देते हैं। सोशल मीडिया पर अनगिनत इमोजी होते हैं। जैसे- स्माइली इमोजी, सैड इमोजी, एंग्री इमोजी, फनी इमोजी आदी। गौर करने वाली बात ये है कि सभी इमोजी पीले रंग के ही होते हैं। हालांकि कुछ इमोजी के रंग बदलने के ऑप्शन भी हमें दिए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर इमोजी के रंग पीले ही होते हैं।
पीले रंग को लेकर विशेषज्ञ बताते हैं कि ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि पीला रंग मनुष्य के स्किन टोन से काफी मिलता जुलता है। साथ ही पीले रंग पर हंसी की भावदशा काफी ज्यादा मात्रा में अभिव्यकित होती है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि जब हम खिल-खिलाकर हंसते हैं, तो उस वक्त हमरा चेहरा हंस-हंसकर पीला पड़ जाता है। यहा कारण है कि ज्यादातर इमोजी का कलर पीला होता है। पीला रंग हंसी-मजाक और खुशी का प्रतीक है। पीले रंग में इमोशन्स काफी अच्छे से व्यक्त होते हैं।
बाजार में भी जो स्टीकर्स बिकते हैं उनके रंग भी ज्यादातर पीले ही होते हैं। इतना ही नहीं कार्टूनों में कई सारे लोकप्रिय करेक्टर्स का रंग भी पीला है। दरअसल, पीला रंग का हैप्पीनस का रंग माना जाता है। वहीं गुस्से वाले इमोजी में लाल रंग का प्रयोग किया जाता है। गुस्से वाली इमोजी को छोड़कर ज्यादातर इमोजी पीले ही होते हैं।