रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना ने भले ही कोहराम मचा रखा हो, लेकिन अब तक एक भी ऐसा केस नहीं आया है जिसमें वैक्सीन लग चुके लोगों की मौत हुई हो या फिर कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें आईसीयू तक जाने की नौबत आई हो। डॉक्टर इसे सबसे बड़ा प्रमाण मान रहे हैं कि वैक्सीन लोगों की जान बचा रही है। लेकिन लोग हैं कि अब भी वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं और जानबूझ कर अपने या अपनों की जान गंवा रहे हैं। डॉक्टर इस स्थिति को बिल्कुल ठीक नहीं मान रहे है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना की नई लहर ने कोहराम मचा रखा है। पिछले एक सप्ताह से हर दिन औसतन 20 लोग जान गंवा रहे हैं, जिसमें अधिकांश की उम्र या तो 50 साल से ऊपर हैं या फिर वो कोमॉर्बिडिटी वाली बीमारियों के शिकार रहे हैं। अब इसी फैक्ट को लेकर डॉक्टर से लेकर स्वास्थ विभाग का अमला खासा चिंतित है।
दरअसल, 60 साल से उपर के बुजुर्ग या फिर 45 साल से ज्यादा के ऐसे लोग जिन्हें अन्य दूसरी गंभीर बीमारी हैं, उन्हें टीका लगाने का काम शुरू किया गया था, लेकिन बड़ी संख्या में लोग टीका लगवाने पहुंचे ही नहीं। स्वास्थ विभाग की बार बार की अपील के बाद भी टीकाकरण का लक्ष्य हासिल नहीं हो सका। अब जब कोरोना की नई लहर ने हाहाकार मचाया है तो सबसे ज्यादा जान बुजुर्गों और कोमॉर्बिडिटी वाले लोगों की ही जा रही है। स्वास्थ अमला इसे आम लोगों की गंभीर लापरवाही का एक परिणाम मान रहा है।
रायपुर CMHO मीरा बघेल ने कहा कि आम लोग बेहद लापरवाह हो गए हैं। वैक्सीन लगवाने को कोई तैयार नहीं है। विभाग बार-बार अपील कर रहा है, एक तरह से हाथ पकड़कर लाना पड़ रहा है कि वैक्सीन लगवा लो, जबकि सभी को पता है कि वैक्सीन से जान बचती है।
इस लापरवाही पर कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टर भी खासी चिंता जता रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल में कोरोना आईसीयू वार्ड के प्रभारी डॉ. ओपी सुंदरानी बताते हैं कि अब तक एक भी ऐसा केस नहीं आया जिसमें वैक्सीन लग चुके लोगों को संक्रमित होकर आईसीयू वार्ड तक आना पड़ा हो। वो संक्रमित भले ही हो सकते हैं, लेकिन उनकी स्थिति गंभीर नहीं होगी।
इससे साफ साफ पता चलता है कि वैक्सीन लोगों की जान बचा रही है। लिहाजा, लोगों को अब भी वैक्सीन लेने में देर नहीं करनी चाहिए। कोरोना की नई लहर किस कदर खतरनाक साबित हो रहा है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव रेट का आंकड़ा 17 फीसदी को क्रॉस कर चुका है। और गंभीर मरीजों से अस्पतालों का आईसीयू वार्ड लगभग फुल हो चुके हैं। ऐसे में कोरोना से जान वैक्सीन ही बचा सकती है।