श्योपुर। एक बुजुर्ग महिला एक आंख से कम दिखने के कारण परेशान होकर जिला अस्पताल में अपनी आंख दिखाने आई। इसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें ऑपरेशन कराने का सुझाव दिया। लेकिन, ऑपरेशन के बाद महिला की आंख की रोशनी लौटने की बजाय चली गई।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, शारदा जादौन (59 साल) को कम दिखने की शिकायत थी। आंखों को दिखाने के लिए वह 23-24 नवंबर को श्योपुर जिला अस्पताल में आई। जहां, आयुष्मान कार्ड से पर्चा बनवाकर आंख दिखाने के लिए वह बैठे रहे।
महिला का आरोप है कि दोपहर तक डॉक्टर ने महिला की जांच नहीं की। इसके बाद डॉ. जीके गोयल ने निजी क्लीनिक पर आने के लिए बोला। जब वह डॉक्टर के निजी क्लीनिक पर गए तो 25 नवंबर को डॉक्टर ने महिला की आंख का ऑपरेशन कर दिया।
डॉक्टर की लापरवाही
इस दौरान आंख के डॉक्टर जी के गोयल ने बताया कि तुम्हारी दूसरी आंख भी खराब है। इसके कुछ दिनों बाद वे फिर से आंख दिखाने के लिए आई। डॉक्टर ने 4 दिसंबर को महिला की दूसरी आंख का ऑपरेशन भी कर दिया, लेकिन ऑपरेशन के बाद अब एक आंख से उन्हें बिल्कुल नहीं दिख रहा है। इसके अलावा दूसरी से भी कम दिख रहा है।
कलेक्टर ने लिया संज्ञान
इसे कलेक्टर किशोर कन्याल ने इस बड़ी लापरवाही मानते हुए और निजी हॉस्पिटल में बुलाने जैसी मनमानी करार दिया। साथ ही सीएमएचओ डॉ. दिलीप सिकरवार को मामले में तत्काल सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
जिला अस्पताल में पदस्थ आंखों के डॉक्टर जी के गोयल सरकारी अस्पताल से अपने प्राइवेट संचालित क्लीनिक पर बुजुर्ग महिला की आंखों का इलाज करने के डॉक्टर पर ले गए। जहां उन्होंने कहा कि आंख खराब है, ऑपरेशन कराओ।
बुजुर्ग महिला ने एक आंख का तो फिर भी जो जमा पूंजी थी, उससे ऑपरेशन करा लिया था, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि आपकी दूसरी आंख की खराब है यह कहा फिर बुजुर्ग महिला ने अपनी दूसरी आंख का ऑपरेशन कराया, पर इसका फायदा होने की बजाय यहां तो आंखों की रोशनी ही चली गई।
इस बड़ी लापरवाही को देखते हुए श्योपुर कलेक्टर ने डॉ. गोयल का निलंबन प्रस्ताव भेजने के साथ दंडात्मक कार्रवाई के सीएमएचओ को दिए निर्देश दिए है।