ग्वालियर। ज्योतिष गणना के अनुसार, जब सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को होगी।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के अनुसार, ज्योतिष शास्त्र में निर्यन पद्धति के तहत मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। यह माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन दान करने से अक्षय फल प्राप्त होते हैं।
ऐसी मान्यता है कि यदि राशि अनुसार दान किया जाए, तो घर की समस्याएं शांत होती हैं और कई गुना अधिक लाभ मिलता है।
महापुण्यकाल और पुण्यकाल
वर्ष 2025 में सूर्य देव 14 जनवरी को सुबह 8:55 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति के दिन पुण्यकाल सुबह 9:03 बजे से शाम 5:46 बजे तक रहेगा, जिसकी अवधि 8 घंटे 42 मिनट होगी। वहीं महापुण्यकाल सुबह 9:03 बजे से 10:48 बजे तक रहेगा, जो लगभग पौने दो घंटे का होगा।
राशि के अनुसार दान
-मेष राशि गुड़ और मूंगफली का दान करें।
-वृषभ राशि सफेद तिल के लड्डू का दान करें।
– मिथुन राशि हरी सब्जियों का दान करें।
-कर्क राशि चावल और उड़द दाल का दान करें।
– सिंह राशि गुड़, मूंगफली और शहद का दान करें।
-कन्या राशि मौसमी फलों और सब्जियों का दान करें।
– तुला राशि दूध, दही, चूड़ा और सफेद तिल का दान करें।
-वृश्चिक राशि शहद, चिक्की और गुड़ का दान करें।
-धनु राशि हल्दी, केला और धन का दान करें।
-मकर राशि चावल और उड़द की दाल का दान करें।
-कुंभ राशि काले कंबल, तिल और गुड़ का दान करें।
-मीन राशि जरूरतमंदों को वस्त्र और धन का दान करें।