इंदौर। इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर की दान पेटियां खोली गई हैं। इस तिमाही में अब तक मंदिर को 1 करोड़ 21 लाख रुपए नकद चढ़ावे के रूप में प्राप्त हुए हैं।
इसके अलावा, श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश को पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट भी चढ़ाए हैं, जो अब प्रतिबंधित हो चुके हैं। मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार, इन नोटों की कुल कीमत 9,500 रुपए है।
दानपेटी में मिली कीमती सामग्री
अब तक खजराना गणेश मंदिर की दानपेटियों में 1.21 करोड़ रुपए की दान राशि गिनी जा चुकी है, जिसमें विदेशी मुद्रा भी शामिल है। जैसे हर बार होता है, इस बार भी भक्तों ने अपनी मनोकामनाओं से जुड़ी चिठ्ठियां दानपेटी में डाली हैं। साथ ही, इस बार एक भक्त ने मंदिर की दानपेटी में एक नई मॉडल की महंगी महिला घड़ी भी अर्पित की है।
खास बात यह है कि इस बार दानपेटी में 500 और 1000 रुपए के वो नोट मिले हैं, जो 2016 में प्रतिबंधित हो गए थे। यह पहली बार है जब दानपेटियों में प्रतिबंधित नोट मिले हैं, और इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर इन्हें किसने चढ़ाया है।
इसके अलावा, दानपेटी में लाखों रुपए मूल्य के आभूषण भी मिले हैं, जिनकी सही कीमत का मूल्यांकन किया जाएगा।
पिछली तिमाही से दान राशि में कमी
पिछली तिमाही में मंदिर को 1.75 करोड़ रुपए की दान राशि प्राप्त हुई थी, जबकि इस बार अब तक केवल 1.21 करोड़ रुपए ही मिले हैं। मंदिर समिति के अनुसार, करीब सवा दो महीने बाद दानपेटियों की गिनती शुरू की गई थी।
नोटों को मशीनों से गिनकर, सौ-सौ नोटों की गड्डियां बनाई जा रही हैं और उन्हें बैंक में जमा किया जाएगा। हर बार की तरह इस बार भी 15 लोगों की एक टीम नोटों को छांटने और गड्डियां बनाने में लगी हुई है। फिलहाल, मंदिर की दानपेटियों में चिल्लर की गिनती का काम जारी है, और नियमानुसार यह राशि बैंक में जमा कर दी जाती है, जिससे मंदिर का खर्च चलता है।
खजराना गणेश मंदिर – श्रद्धा और भक्ति का केंद्र
खजराना गणेश मंदिर इंदौर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान गणेश के चरणों में अपनी मनोकामनाओं को अर्पित करते हैं। मंदिर को हर साल बड़ी मात्रा में दान प्राप्त होता है, जो मंदिर के संचालन और विकास कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।
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