दमोह। जिला अस्पताल में मरीजों की सहायता के लिए पुलिस चौकी बनाई गई है जहां 24 घंटे पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं, लेकिन महिला आरक्षक के पदस्थ न होने के कारण यहां तैनात पुरुष पुलिस कर्मियों को कभी-कभी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। इसी तरह का नजारा शुक्रवार की दोपहर देखने मिला जब एक शराबी महिला ने जिला अस्पताल चौकी में घुसकर हंगामा शुरू कर दिया। जिससे चौकी में तैनात पुलिस कर्मियों ने उसे डांटकर भगाने का प्रयास किया, लेकिन शराबी महिला अपशब्दों का उपयोग करते हुए पुलिस कर्मियों को मारने दौड़ी जिससे उन्होंने वहां से भागना ही उचित समझा। काफी देर तक यह हंगामा चलता रहा और वहां से निकलने वाले राहगीर भी अपने आपको बचाते हुए निकल रहे थे। इसके बाद वह महिला उठी और बाहर सड़क पर गालियां देते हुए भाग गई।
दोपहर करीब दो बजे एक शराबी महिला जिला अस्पताल चौकी के अंदर पहुंची उस दौरान वहां पदस्थ प्रधान आरक्षक व एक अन्य पुलिसकर्मी काम कर रहे थे उन्होंने सोचा कि शायद यह महिला कोई मरीज है। उन्होंने चौकी आने की वजह पूछी तो महिला ने शराब के नशे में जोर-जोर से चिल्लाते हुए गालियां देना शुरू कर दिया। जिससे वहां मौजूद पुलिसकर्मी चौकी के बाहर आ गए। इसके बाद शराबी महिला ने चौकी का दरवाजा अंदर से लगा लिया और चिल्लाते हुए बाहर निकल आई। तब तक सैकड़ों लोगों की भीड़ वहां यह नजारा देखने मौजूद हो गई थी। इसके बाद महिला ने बाहर निकलते ही वहां से निकलने वाले लोगों को मारना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद वह जमीन पर लेट गई। इस दौरान वहां से निकलने वाले चार पहिया वाहन चालक बचते बचाते हुए निकल रहे थे। एक अन्य महिला ने शराबी महिला के पास जाकर कुछ बात की तो उसने मारपीट शुरू कर दी और फिर चौकी में तैनात पुलिस कर्मियों को मारने दौड़ी जिससे पुलिसकर्मी अस्पताल के अंदर भाग गए। महिला अस्पताल के अंदर भी चली गई और वहां भी गालियां देते हुए बाहर निकली और जो भी व्यक्ति सामने आता उसे मारने दौड़ती। कुछ देर बाद वह महिला अस्पताल के बाहर निकली और कहीं चली गई।
अस्पताल चौकी में एक महिला पुलिसकर्मी का पदस्थ होना बेहद जरूरी है। क्योंकि कई बार हालात यह बनते हैं कि किसी घटना से आक्रोशित महिलाएं चौकी में तैनात पुलिस कर्मियों से ही उलझने लगती हैं। जिससे पुलिसकर्मी कुछ नहीं बोल पाते और यह हालात केवल इसीलिए बनते हैं कि यहां महिला पुलिसकर्मी की तैनाती नहीं है। यदि यहां एक महिला पुलिसकर्मी को तैनात कर दिया जाए तो वह महिलाओं को संभाल सकती है। इस संबंध में एसपी डीआर तेनीवार का कहना है कि अस्पताल चौकी में एक महिला आरक्षक को पदस्थ किया जाएगा।