नई दिल्ली। तिब्बत के शिजांग शहर के डिंगरी काउंटी में 6.8 तीव्रता के भूकंप के कारण 32 लोगों की जान चली गई और 38 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था, और इसका स्थान 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था। मंगलवार सुबह से तिब्बत के शिजांग क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे थे।
चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (CENC) के अनुसार, मंगलवार सुबह 9:05 बजे 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक, इस भूकंप में तिब्बत के शिजांग शहर के डिंगरी काउंटी में 32 लोगों की मृत्यु हो गई और 38 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
इससे पहले, नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि तिब्बत क्षेत्र के शिजांग में मंगलवार सुबह 6:30 बजे 7.1 तीव्रता के साथ एक भूकंप आया, इसके बाद 7:02 बजे 4.7, 7:07 बजे 4.9 और 7:13 बजे 5.0 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इन झटकों के कारण लोग अपने घरों को छोड़कर खुले स्थानों की ओर भाग गए।
भारत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, खासकर बिहार में। इसके अतिरिक्त असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी झटके महसूस किए गए, जिससे लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था।
भूकंप क्यों आता है
पृथ्वी की सतह पर सात टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घुमती रहती हैं। इन प्लेट्स के टकराने से जो क्षेत्र बनता है, उसे फॉल्ट लाइन कहते हैं। जब इन प्लेट्स पर अत्यधिक दबाव बढ़ता है, तो वे टूट जाती हैं, और इस टूटन से बाहर निकलने वाली ऊर्जा से भूकंप आता है।
भूकंप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब होता है
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जहां भूगर्भीय हलचल से ऊर्जा उत्पन्न होती है। यहां पर भूकंप का असर सबसे ज्यादा होता है। जैसे-जैसे आप भूकंप के केंद्र से दूर जाते हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। हालांकि, यदि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 या इससे अधिक हो, तो आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में झटके ज्यादा तीव्र होते हैं।