भोपाल। प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं की कापियां का मूल्यांकन कार्य पांच मार्च से शुरू हुआ है। लेकिन अभी तक 50 फीसदी कापियों का मूल्यांकन नहीं हो पाया है। वहीं लोक शिक्षण संचालनालय ने 28 मार्च से ग्यारहवीं की कक्षाएं शुरू करने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा अन्य कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं भी संचालित हो रही हैं। अगर ग्यारहवीं की कक्षाएं कर दी जाती है, तो दसवीं-बारहवीं के रिजल्ट पर भी असर पड़ेगा। अभी तक मूल्यांकन कार्य 50 फीसद भी पूरा नहीं हो पाया है।
यहां पर यह बता दें दसवीं-बारहवीं के परीक्षार्थियो की एक करोड़ 30 लाख कापियों के मूल्यांकन कार्य में 30 हजार शिक्षक लगे हुए हैं। अब नवमीं-ग्यारहवीं का मूल्यांकन भी शुरू होना है। ऐसे में कक्षा शुरू की जाती है तो शिक्षक स्कूल में व्यस्त हो जाएंगे। इससे दसवीं-बारहवीं का मूल्यांकन देर से होगा और अप्रैल में घोषित होने वाला रिजल्ट अब मूल्यांकन कार्य में देरी की वजह से आगे खिसक सकता है। फिलहाल दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं का मूल्यांकन चल रहा है। लगभग सभी शिक्षक मूल्यांकन में व्यस्त हैं। स्थानीय नवमीं-ग्यारहवीं की परीक्षाओं का मूल्यांकन कार्य भी शुरू होना है। बावजूद इसके आधी-अधूरी तैयारियों के साथ लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त अभय वर्मा के फरमान ने सभी को हैरान कर दिया है। बता दें, कि इस बार प्रदेश भर से करीब
17 लाख विद्यार्थी शामिल हुए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक शैक्षणिक कैलेंडर तैयार नहीं हुआ है। अभी यह आदेश भी जारी नहीं हुए कि नवीन शैक्षणिक सत्र कब से शुरू होगा। स्थानीय परीक्षाएं भी चल रही है। स्थानीय परीक्षाओं का मूल्यांकन भी शुरू नहीं हुआ है। दूसरी तरफ दसवीं के विद्यार्थियों का मूल्यांकन चल रहा है। इन विद्यार्थियों का रिजल्ट आना है। ऐसे में ग्यारहवीं की कक्षा शुरू करने को लेकर छात्रों की स्ट्रीम का पैमाना दसवीं का मुख्य रिजल्ट होता है, लेकिन आधी-अधूरी तैयारियों के साथ ग्यारहवीं की क्लास शुरू करना समझ से परे है।
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