भोपाल। राजधानी भोपाल में एक निजी स्कूल में बच्ची के साथ दुर्व्यवहार की घटना के बाद जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए स्कूल का संचालन शिक्षा विभाग के हाथों में सौंपने का फैसला किया है। यह निर्णय बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से लिया गया है। स्कूल में 324 बच्चे पढ़ते हैं, और प्रशासन ने घोषणा की है कि अगले सत्र से स्कूल की मान्यता नवीनीकृत नहीं की जाएगी।
घटना के बाद सख्त कार्रवाई
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के सामने आने के बाद, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्कूल को सील कर दिया था। मामले की जांच के लिए गठित समिति ने स्कूल प्रबंधन की गंभीर लापरवाहियों को उजागर किया। रिपोर्ट में सुरक्षा प्रबंधन में खामियों के चलते, जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल का संचालन सौंपने का निर्णय लिया गया, ताकि बच्चों की शिक्षा बाधित न हो और उनका भविष्य सुरक्षित रहे।
बच्चों के हितों की प्राथमिकता
स्कूल में कुल 324 बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें से 79 बच्चे राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत नामांकित हैं। शिक्षा सत्र के बीच में स्कूल को बंद करने से बच्चों के भविष्य पर गंभीर असर पड़ सकता था, इस कारण प्रशासन ने यह निर्णय लिया। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जल्द ही स्कूल का संचालन शुरू किया जाएगा, ताकि बच्चों की पढ़ाई बिना किसी रुकावट के जारी रह सके।
गौरतलब है की राजधानी के एक निजी स्कूलों में शिक्षक द्वारा एक मासूम बच्ची के साथ गलत काम करने का मामला सामने आया था। इसके बाद प्रशासन ने स्कूल को पूरी तरह से सील कर दिया था और अपने कब्जे में ले लिया था। 6 सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि स्कूल का संचालन डीईओ करें। जांच के लिए दो टीमें बनाई गई थीं। पहली जांच रिपोर्ट में बच्चियों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। वहीं, दूसरी 7 सदस्यीय कमेटी ने स्कूल के संचालन को लेकर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को दी।
स्कूल की मान्यता नहीं होगी नवीनीकृत
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस स्कूल की मान्यता अगले सत्र से नवीनीकृत नहीं की जाएगी। यह फैसला स्कूल प्रबंधन की सुरक्षा में लापरवाही और घटना के मद्देनजर लिया गया है।
बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
यह कदम प्रशासन द्वारा बच्चों की सुरक्षा और भविष्य को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है। शिक्षा विभाग का यह प्रयास बच्चों के लिए सुरक्षित और बेहतर शिक्षा वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है।
इस घटना ने शहर में बच्चों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन की गंभीरता को रेखांकित किया है, और यह कदम सुनिश्चित करेगा कि बच्चों का भविष्य और उनकी शिक्षा किसी भी परिस्थिति में बाधित न हो।