ग्वालियर। कोरोना महामारी संकट में जैसे तैसे लोग कोरोना संक्रमण में रेमडेसीविर इंजेक्शन की मांग से उबरे ही थे,कि अब उन्हें ब्लैक फंगस में काम आने वाले दो इंजेक्शन्स के लिए परेशान होना पड़ रहा है।एम्फोनेक्स और अक्टेमरा नामक इंजेक्शन बाजार से गायब है। यह इंजेक्शन ना तो स्टॉकिस्ट पर मौजूद है और ना ही दवाई दुकानों पर यह मिल रहे हैं। जिसके चलते रेमडेसीविर इंजेक्शन की तरह प्रशासन ने इसका वितरण अपने हाथों में ले लिया है। लेकिन बाजार में ही यह ड्रग उपलब्ध नहीं है। जबकि ब्लैक फंगस के मरीज दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं।
ऐसे में लोगों को इलाज कराने में समस्या आ रही है।आपको बता दें, कि ग्वालियर में ब्लैक फंगस के लगातार मरीज सामने आ रहे हैं। अब तक इन मरीजों की कुल संख्या 29 पहुंच गई है। जिसमें 2 मरीजों की मौत हो चुकी है।खास बात यह है, कि यह ड्रग विदेशी है और इसके विकल्प फिलहाल बाजार में नहीं है। विकल्प भी विदेश से आते हैं। यह दोनों ही कंपनियां जर्मनी से इंजेक्शन को आयात करती हैं। फिर उसे असेंबलिंग करके भारतीय बाजार में लोगों को उपलब्ध कराती है। पहले इन इंजेक्शन की मांग नहीं थी और हजार इंजेक्शन लगभग पूरे प्रदेश में बांटे जाते थे।
लेकिन मौजूदा दौर में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच अचानक इस एंटीबायोटिक ड्रग की डिमांड तेजी से बढ़ी है। लेकिन बाजार में ड्रग और उसके सब्सीट्यूट उपलब्ध नहीं होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है ,कि प्रशासन ने सभी मेडिकल एजेंसियों और कंपनियों से अपनी ओर से डिमांड भेजी है और यह इंजेक्शन लोगों को उपलब्ध कराने को कहा है। जिला प्रशासन ने दो अधिकारियों की जिम्मेदारी इस मामले में तय की है।
ड्रग इंस्पेक्टर यह पूरी वितरण व्यवस्था देखेंगे। जो पूर्व में रेमडेसीविर इंजेक्शन की वितरण व्यवस्था को देखते थे। ड्रग इंस्पेक्टर का मानना है, कि कंपनियों को डिमांड भेजी गई है और पत्राचार भी किया गया है। जल्द ही अगले कुछ दिनों में यह ड्रग प्रशासन को उपलब्ध हो जाएगी। उसके बाद ही यह वितरण व्यवस्था सुचारू हो पाएगी। वहीं मेडिकल स्टोर संचालक मानते हैं, कि फिलहाल बाजार में यह दोनों ही इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। जैसे ही आएंगे प्रशासन ने खुद व्यवस्था अपने हाथ में ले रखी है। वहीं से लोगों को यह इंजेक्शन मिल सकेंगे।