ग्वालियर। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भोपाल एक्सप्रेस से गुरुवार-शुक्रवार की दरमियान रात को ग्वालियर पहुंचे। यहां से वे सीधे जयारोग्य अस्पताल पहुंचे। कैजुअल्टी में उनकी नजर एक मरीज पर पड़ी, जिसके सिर से खून टपक रहा था। इस दौरान उन्होंने डाक्टर के बारे में पता किया तो उसकी अनुपस्थिति मिली। इतना ही नहीं वहां न तो स्ट्रेचर था और न ही वार्ड ब्वाय। मंत्री तोमर ने मरीज की हालत को देख खुद स्ट्रेचर तलाशने की कोशिश की।
तब तक डाक्टर और वार्ड ब्वाय आ गए, जो मरीज को उपचार के लिए ले गए। उर्जा मंत्री ने कहा कि वे 10 मिनट पहले कैजुअल्टी में आए थे। यहां कोई भी नहीं था, ऐसी स्थिति में गंभीर मरीज की कैसी हालत होती होगी, इसके बारे में सोचा जा सकता। उन्होंने प्रबंधन से नाराजगी व्यक्त की और संभागायुक्त को व्यवस्थाएं सुधारने के आदेश दिए। रात में ही ऊर्जा मंत्री सुपर स्पेशियलिटी में भर्ती कोविड मरीजों को देखने के लिए पीपीई किट पहनकर पहुंचे। वहां भी ड्यूटी पर डाक्टर मौजूद नहीं मिले। जब स्टाफ से डाक्टर के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि डाक्टर अभी फ्रेश होने गए हैं। वार्ड में एक ही वार्ड बॉय मौजूद था, जबकि दूसरा गायब था।
मैं मंत्री हूं झूठ नहीं बोलूंगाः रात काे निरीक्षण के बाद शुक्रवार की दोपहर जब मंत्री तोमर ने जयारोग्य अधीक्षक को बताई तो उन्होंने बताया कि ऐसा हो ही नहीं सकता। इस पर मंत्री ने कहा कि मैं मंत्री हूं, झूठ बोलूंगा क्या। यदि मैं रात के समय सीरियस होकर हॉस्पिटल आऊं तो कोई भी नहीं मिलेगा। रात के समय एक मरीज के सिर से खून टपक रहा था। कैजुअल्टी में डाक्टर और वार्ड ब्वाय तो दूर की बात स्ट्रेचर भी नहीं था।