बेंगलूरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से एक माह पहले एक नया विवाद सुर्खियां बटोरने लगा है। बेरोजगारी, महंगाई, आरक्षण जैसे मुद्दों के बीच इस बात को लेकर सियासी महाभारत छिड़ी हुई है कि राज्य में कौन दूध बेचे और कौन
नहीं। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमले कर रही है, जबकि भाजपा ने कांग्रेस झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। यह सारा विवाद।कुछ दिन पहले एक ट्वीट के बाद उठा, जब अमूल ने कर्नाटक में उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचने की घोषणा की। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह कर्नाटक के घरेलू दूध ब्रांड नंदिनी को नुकसान पहुंचाने और इससे जुड़े 26 लाख किसानों के जीवन को खतरे में डालने की योजना है।
वही इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस- भाजपा आमने सामने है। कांग्रेस इसे कन्नड़ अस्मिता का मामला बताकर यह जताने की कोशिश कर रही है कि भाजपा राज्य के हितों के खिलाफ काम कर रही है। स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी छीनने की कोशिश की जा रही है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। सीएम बसवराज बोम्मई का कहना है कि वे किसी भी ब्रांड को राज्य में आने से नहीं रोकेंगे। नंदिनी को और सक्षम बनाएंगे।