भोपाल: चावल घोटाला मामले में मध्यप्रदेश सरकार की जाँच एजेंसी टीम ने 22 राइस मिलर्स और अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. 100 टीमें 10 जिलों के वेयर हाउस और निजी गोदामों की जांच में जुटी हैं. ईओडब्ल्यू की जबलपुर विंग ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है।
बालाघाट और मंडला में चावल घोटाला सामने आने के बाद से राज्य सरकार एक्शन में है. सरकार द्वारा गठित कमेटी ने सैंपल लेना शुरू कर दिया है. EOW टीम ने 10 जिलों में जांच शुरू की है. 100 टीमें चावल उत्पादक जिले रीवा, सतना, सीधी, सिवनी, शहडोल, उमरिया, मंडला, अनूपपुर, कटनी और नरसिंहपुर के गोदाम की जांच में जुटी हैं. ये टीमें वेयर हाउस कारपोरेशन और निजी गोदामों में रखे चावलों की गहनता से जांच कर रही हैं. टीम ने भोपाल, सागर, शिवपुरी और भिंड से चावल के सैंपल पहले ही कलेक्ट कर लिए है।
30 करोड़ कीमत का 10 हजार 700 टन खराब चावल किया सील
ईओडब्ल्यू की टीम ने बालाघाट में 18, मंडला में 4 मिलर्स और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 9 अफसरों पर एफआईआर की है. बालाघाट और मंडला के वेयर हाउस में रखा 30 करोड़ की कीमत का 10 हजार 700 टन खराब चावल सील किया. टीम को पता चला कि यह चावल गरीबों को बाँटा जाना था।