उज्जैन। आलीशान बंगला, जमीन, स्कार्पियों, ट्रैक्टर और स्विफ्ट ये सब कुछ एमपी में नौकरी करने वाले लिपिक के पास है। ये तो सिर्फ दिखने वाली संपत्ति है। ईओडब्ल्यू की छापेमारी के दौरान उज्जैन में शिक्षा विभाग के लिपिक धर्मेंद्र चौहान के घर से मात्र 34 हजार की नगदी मिली है। ईओडब्ल्यू ने प्रारंभिक संपति का खुलासा करते हुए कहा है कि लिपिक के घर से बेनामी संपति होने के रिकॉर्ड मिले हैं।
बुधवार सुबह उज्जैन शिक्षा विभाग के एक लिपिक धर्मेंद्र चौहान के अंकपात मार्ग स्थित निवास पर बुधवार सुबह उज्जैन ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की। शुरुआती तलाशी में ही शिक्षक के पास से करोड़ों की चल अचल संपत्ति मिली है, जबकि उसे 26 साल की नौकरी में वेतन करीब 35 लाख रुपए मिला है। पूरी जांच के बाद संपत्ति कई गुना बढ़ने की उम्मीद है।
अंकपात मार्ग स्थित श्रीकृष्ण कॉलोनी निवासी धर्मेद्र चौहान महाराज वाड़ा स्कूल क्रमांक 2 में लिपिक है। प्राथमिक जांच में चौहान के घर से नकदी तो मात्र 34 हजार रुपए मिले, लेकिन महालक्ष्मी कॉलोनी में आलीशान मकान, बड़नगर स्थित ग्राम धरेड़ी में करोड़ों की जमीन, ट्रैक्टर, थ्रेशर मशीन, स्कार्पियों व स्विफ्ट कार के साथ यूको बैंक में लाकर का रिकार्ड मिल गया। इस पर टीम ने उसका सर्विस रिकार्ड खंगाला। पता चला धर्मेद्र के पिता अंतर सिंह शिक्षक थे। उनकी मौत के बाद धर्मेंद्र की 1994 में 750 रुपए वेतन पर अनुकंपा नियुक्ती हुई थी। अब तक उसे करीब 35 लाख रुपए वेतन मिला है।
ईओडब्ल्यू को मिली जानकारी के अनुसार धर्मेंद्र वर्ष 2005 से 2010 तक जिला पंचायत में अध्यक्ष का पीए रहा है। बैनामी संपत्ति उसने उसी दौरान अर्जित की है। जांच के बाद संपत्ति के और भी रिकार्ड मिलने की उम्मीद है। शाम तक मामले में अधिकतर खुलासा हो जाएगा।
जानकारी के अनुसार बातदे ईओडब्ल्यू एसपी दिलीप सोनी ने बताया कि लिपिक के घर छापे में बेनामी संपत्ति का रिकार्ड मिला है। लॉकर खुलने के बाद उसकी स्थिति का पता चलेगा। मामले में संबंधित पर अनुपातहीन केस दर्ज किया जाएगा। सहायक शिक्षक पर पूर्व में मारपीट के भी दो केस दर्ज है।