पीथमपुर। पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड (यूका) के जहरीले कचरे का ट्रायल रन आज से शुरू हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपनी शिकायतें हाईकोर्ट में रखें। चूंकि सुप्रीम कोर्ट से कोई रोक नहीं लगी है, प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार 10 मीट्रिक टन कचरे के ट्रायल रन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने बताया कि कलेक्टर और एसपी धार मौके पर मौजूद रहेंगे और यह ट्रायल रन हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक होगा। विरोध कर रहे संगठनों ने कहा कि वे अपनी शिकायतें हाईकोर्ट में प्रस्तुत करेंगे और आंदोलन जारी रखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के वकील देवदत्त कामथ और रितम खरे ने तर्क दिया कि इस कचरे को जलाने से होने वाले प्रदूषण का पूरा अध्ययन अब तक नहीं किया गया है। वहीं, इंटरविनर की वकील जयश्री नरसिम्हन ने कहा कि सरकार ने हाईकोर्ट में गलत दस्तावेज पेश करके ट्रायल रन की अनुमति प्राप्त की है। उन्होंने यह भी बताया कि लोकल बॉडी से भी मंजूरी नहीं ली गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवई ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी शिकायतें हाईकोर्ट में प्रस्तुत करें, क्योंकि यह मामला हाईकोर्ट द्वारा मॉनिटर किया जा रहा है। शासन के वकील नचिकेत जोशी ने बताया कि जून 2023 में केंद्र और राज्य की उच्चस्तरीय समिति ने पीथमपुर में इस कचरे को जलाने को उपयुक्त माना था और सुरक्षा व्यवस्था भी उसी के अनुसार की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले के ट्रायल रन की रिपोर्ट में कोई समस्या नहीं पाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस समिति में देश के प्रमुख विशेषज्ञ शामिल हैं, इसलिए उनकी सिफारिशों पर सवाल उठाने की आवश्यकता नहीं है। चूंकि हाईकोर्ट पहले से इस मामले की निगरानी कर रहा है, सुप्रीम कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया।
पहले सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल रन पर रोक लगाई थी
25 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा 18 फरवरी को दिए गए ट्रायल रन के आदेश पर नाराजगी जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब मामला उसके विचाराधीन था, तो हाईकोर्ट को ट्रायल रन की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। कोर्ट ने सभी पक्षों और विशेषज्ञों की रिपोर्ट 27 फरवरी को तलब की थी, जिससे यह उम्मीद थी कि ट्रायल रन पर रोक लग सकती है। हालांकि, सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।
पीथमपुर में विरोध बढ़ा
ट्रायल रन की अनुमति मिलने के बाद पीथमपुर बचाओ समिति और अन्य आंदोलनों में हलचल तेज हो गई है। वे मांग कर रहे हैं कि जब तक हाईकोर्ट उनकी शिकायतें नहीं सुन लेता, तब तक ट्रायल रन पर रोक लगाई जाए। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रायल रन 27 फरवरी से ही शुरू होगा। हाईकोर्ट के आदेशानुसार, 27 फरवरी को 10 मीट्रिक टन कचरे का पहला ट्रायल रन किया जाएगा। इसके बाद, 4 मार्च को 10 मीट्रिक टन और 10 मार्च को 10 मीट्रिक टन कचरा जलाया जाएगा। इस 30 मीट्रिक टन कचरे की रिपोर्ट 27 मार्च को हाईकोर्ट में पेश की जाएगी।